Bihar News : बिहार में हेलमेट और ओवरलोडिंग की जांच के लिए चलेगा विशेष अभियान, परिवहन विभाग के एसीएस ने दिए निर्देश

Bihar News : बिहार के सभी जिलों में हेलमेट और ओवरलोडिंग को लेकर अभियान चलाया जायेगा. परिवहन विभाग के एसीएस ने इसके लिए निर्देश जारी किया है....पढ़िए आगे

जांच के आदेश - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने पर रोक लगाने के लिए राज्य भर में सघन हेलमेट जांच अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, वाहनों के पीयूसी (प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र), फिटनेस और वाहन बीमा से संबंधित दस्तावेजों की जांच एमवीआई (मोटरयान निरीक्षक) और डीटीओ रोजाना जांच करेंगे। यह जानकारी परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने विश्वेश्वरैया भवन, पटना में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान दी। अपर मुख्य सचिव (एसीएस)ने ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी जिलों में दो शिफ्टों में गश्त और बैरियर लगाकर सघन जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों (डीटीओ) को ट्रैफिक सिग्नलों की जांच कर उन्हें सुव्यवस्थित करने के भी निर्देश दिए। यह निर्देश मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की ओर से मंगलवार, (22 जुलाई) को उच्च अधिकारियों और संबंधित विभागों के साथ आयोजित बैठक में हेलमेट जांच को सख्ती से लागू करने के दिए गए निर्देश के आलोक में जारी किए गए हैं।

अतिरिक्त ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का होगा निर्माण

राज्य के 27 जिलों में आधुनिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण कर इनका संचालन शुरू कर दिया गया है। अब लाइसेंस प्राप्त करने से पहले आधुनिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर आवेदकों का टेस्ट लिया जा रहा है। टेस्ट में पास होने के बाद ही लाइसेंस निर्गत किया जा रहा है। जून 2025 में सारण, रोहतास और मधुबनी जिलों में क्रमशः 3296, 2425 और 3959 ड्राइविंग टेस्ट किए गए। इसके विरुद्ध, टेस्ट में सफल आवेदकों को क्रमशः 2272, 2129 और 2375 ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत किए गए हैं। सारण में औसतन प्रतिदिन 110, रोहतास में 81 और मधुबनी में 132 ड्राइविंग टेस्ट लिए जा रहे हैं, जबकि प्रतिदिन क्रमशः 76, 71 और 79 लाइसेंस निर्गत किए जा रहे हैं। आवेदकों की अधिक संख्या को देखते हुए इन तीनों जिलों में अतिरिक्त ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण किया जाएगा।

बीएसआरटीसी की बसों में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें बढ़ेंगी

सार्वजनिक परिवहन की बसों में महिला यात्रियों की सुविधा और बढ़ती संख्या को देखते हुए सभी बसों में आगे की चार पंक्तियों की सीटें आरक्षित की जाएंगी।  इसके साथ ही एसीएस ने सभी बसों में चालक और कंडक्टर के नाम को बस के प्रवेश द्वार पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित कराने कहा। साथ ही इनकी जानकारी को विभागीय वेबसाइट पर भी अपलोड करने के निर्देश दिए। चालक और कंडक्टरों के लिए खाकी रंग का यूनिफॉर्म पहनना और नेम प्लेट लगाना आवश्यक होगा। बस कंडक्टर को यात्रियों के प्रति विनम्र और पेशेवर व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

जर्जर बसों की होगी जांच

प्रदेश में संचालित पुरानी और जर्जर बसों की अनिवार्य रूप से फिटनेस जांच करने का निर्देश दिया। साथ ही बस स्टैंडों पर पीने के पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश एसीएस ने दिए।