Bihar School News: ACS सिद्धार्थ ने पहली बार दिया भावुक कर देने वाला संदेश, दिल की बात लिख दी छात्रों पर, सबको खुश कर दिया....
Bihar School News: ACS सिद्धार्थ ने पहली बार छात्रों के लिए भावुक कर देने वाला संदेश दिया है। उन्होंने चिठ्ठी के माध्यम से अपने दिल की बात बच्चों तक पहुंचाई है...
बिहार के शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने निपुण दिवस पर बच्चों को खास संदेश दिया है। निपुण दिवस के अवसर पर शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों को एक भावनात्मक और प्रेरणास्पद संदेश दिया गया है। इस संदेश में एस. सिद्धार्थ ने बच्चों को संबोधित करते हुए शिक्षा, अनुशासन, संवेदनशीलता और वैज्ञानिक सोच की महत्ता पर बल दिया है। उन्होंने लिखा है कि विद्यालय में बच्चों को पढ़ते, खेलते और मुस्कराते देखना किसी त्यौहार से कम नहीं लगता। हर सुबह स्कूल की घंटी उनके भीतर नई उम्मीदें जगाती है कि आज जिन नन्हें कदमों ने स्कूल का आँगन छुआ है, वही कदम कल देश को नई दिशा देंगे।
बच्चों को एस सिद्धार्थ का खास संदेश
बता दें कि एस सिद्धार्थ शिक्षा विभाग को सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। एस सिद्धार्थ आए दिन कई आदेश देते हैं जिससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके। शिक्षा विभाग बिहार में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में आज एसीएस सिद्धार्थ ने बच्चों को खास संदेश दिया है। संदेश में उन्होंने बच्चों को याद दिलाया है कि उन्होंने जो आज बस्ता उठाया है। कल वही कंधे देश की जिम्मेदारियों का भार उठाएंगे। उन्होंने विद्यार्थियों की दिनचर्या सुबह उठना, नहा-धोकर साफ पोशाक पहनना, बालों में कंघी करना और विद्यालय पहुंचना को गर्व का विषय बताया।
एस सिद्धार्थ ने बताया कौन है निपुण छात्र
एस. सिद्धार्थ ने बच्चों को यह भी बताया कि भाषा उन्हें अपने विचारों को सुंदरता से व्यक्त करना सिखाती है, जबकि गणित उन्हें जीवन में निर्णय लेने की समझ देता है। लेकिन एक सच्चा निपुण छात्र वही है जो किताबों को संभालता है, गृहकार्य करता है, अनुशासन का पालन करता है, साफ-सफाई का ध्यान रखता है और दूसरों की मदद करता है। संदेश में व्यवहारिक शिक्षा की अहमियत को भी रेखांकित किया गया। उन्होंने कहा कि एक निपुण बच्चा वह है जो अपने आसपास की दुनिया को समझता है, बुजुर्गों का सम्मान करता है, सच बोलता है और अपना काम खुद करता है।
एस सिद्धार्थ ने लिखा है कि.....
"मेरे प्यारे बच्चों,
आपको पढ़ते, खेलते और मुस्कराते देखना मेरे लिए किसी त्यौहार से कम नहीं!!
हर सुबह जब विद्यालय में घंटी बजती है, तो मेरे अंदर एक नई उम्मीद जन्म लेती है.
कि आपके छोटे-छोटे कदम आज भले ही स्कुल के आँगन में हैं, पर एक दिन यही कदम देश को सही दिशा देंगे।
आपके कोमल और नन्हे बाजुओं ने जो आज बस्ता उठाया है,
कल यही देश की जिम्मेदारियाँ उठाएंगे।
मुझे गर्व होता है कि आप सुबह उठते हैं, नहा-धोकर साफ पोशाक पहनते हैं, बालों में कंघी करते हैं और भोजन करके विद्यालय पहुँचते हैं।
मुझे खुशी है कि आप भाषा सीख रहे हैं ताकि अपने विचारों को सुंदरता से व्यक्त कर सकें।
गणित सीख रहे हैं ताकि जीवन के निर्णय सोच-समझकर ले सकें।
लेकिन मेरे बच्चों,
एक निपुण बच्चा वह है जो अपने पुस्तक पुस्तिकाओं को सहेजता है, गृहकार्य करता है, लाइन में चलता है, और यातायात के नियमों का पालन करता है।
जो कूड़ा हमेशा कूड़ेदान में डालता है, और दूसरों की मदद करता है। यदि दोस्त से गलती हो जाए तो उसे समझाता है, न कि उसका मज़ाक उड़ाता है।
जो कविता तो याद करता है, पर अपने आस-पास की दुनिया को भी देखता और समझता है
आपकी निपुणता आपके व्यवहार में तब दिखती है, जब आप बुजुर्गो का सम्मान करते हैं, सच बोलते हैं, या फिर बिना कहे अपना काम स्वयं करते हैं।
हाँ, मैं चाहता हूँ कि आपको शब्दों का मतलब तो समझ में आए ही पर आप अपनी मातृभाषा में जो भी सीखते हैं, उसे अच्छी तरह से व्यक्त कर सकें।
मैं चाहता हूँ कि आप सवाल पूछें, तर्क करें, कल्पना करें, कुछ नया सोचें, कुछ नया खोजें।
अगर आपने यह समझ लिया कि आकाश केवल नीला नहीं बल्कि अनगिनत तारों और ग्रहों का रहस्यमय संसार है।
मिट्टी की यह धरती एक जीवित ग्रह है जिसमें असंख्य जीवन पलते हैं
पौधों को भी पानी चाहिए क्योंकि वह भी सांस लेते हैं, खाना बनाते हैं नदी सिर्फ बहती नहीं बल्कि निरंतर गतिमान रहना सिखाती है
पहाड़ जो करोड़ों साल की कहानी है, जीवन के हर संकट-तुफान में डटे रहना सिखाती है तो समझ लिजिये, आपने देखना शुरू कर दिया है, केवल आँखों से नहीं वैज्ञानिक सोच से।
हाँ, मुझे भरोसा है कि आप सीख रहे हैं अपनी रफ्तार से, अपनी भाषा में, अपने सवालों के ज़रिए।
और मैं, शिक्षक / शिक्षिका, माता-पिता, और पूरा शिक्षा विभाग आपके साथ हैं, हर राह पर हर कदम पर।
पुस्तकें आपको ज्ञान देंगी, लेकिन मानवता आपको अच्छे और बुरे का अंतर बताएगी।
आपका रास्ता लंबा है, लेकिन हर दिन आप बेहतर बन सकते हैं, अपने मन की आवाज सुनें अपने गुरूजनो की बात मानें और सबसे ज़रूरी खुद पर भरोसा करना कभी मत छोड़ें।
याद रखें "एक साधारण मनुष्य बनना, इस दुनिया में सबसे बड़ी उपलब्धि है।"
अगर कभी डर लगे, तो जान ले कि अंधेरे में भी एक दिया जलाया जा सकता है। अगर गलती हो जाए, तो उससे सीखें क्योंकि यह सीख आपको निपुण बनाएगी!! निपुण दिवस की ढेरों शुभकामनाओं के साथ आपका शुभचिंतक एस सिद्धार्थ"।