Bihar Politics: आनंद मोहन का ऐलान, 'भूरा बाल' सवर्णों को लेकर कह दी ऐसी बात, राजनीतिक दलों में हड़कंप....

Bihar Politics: बाहुबली नेता आनंद मोहन ने 'भूरा बाल' को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बिहार की सत्ता पर कौन राज करेगा इसका फैसला 'भूरा बाल' करेगा। आनंद मोहन के इस बयान से सियासी हलचल तेज हो गई है।

आनंद मोहन के बयान से बवाल - फोटो : social media

Bihar Politics:  बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी तेज है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सभी पार्टी चुनावी तैयारी के साथ साथ अपनी अपनी जीत के दावे भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में बाहुबली नेता आनंद मोहन ने ऐसा बयान दिया है जिससे सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गई है। आनंद मोहन ने कहा है कि सिहांसन पर कौन बैठेगा ये 'भूरा बाल' तय करेगा। बता दें कि आनंद मोहन ने इशारों इशारों में 'भूरा बाल' खत्म करो का नारा देने वालों को जवाब दिया है। आनंद मोहन के इस बयान से सियासत में हड़कंप मच गया है।  

आनंद मोहन का बड़ा बयान

दरअसल, मुजफ्फरपुर में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा के दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन ने राजनीति में बिखराव और कट्टरवाद पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि अंततः 'भूरा बाल' ही यह तय करेगा कि सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा, “भूरा बाल” (भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और लाला) ही इसमें निर्णायक भूमिका निभाएगा।

'भूरा बाल' करेगा तय 

आनंद मोहन ने कहा कि आज राजनीति में कोई चिराग पासवान से लड़ रहा है, कोई जीतन राम मांझी से, कोई नीतीश कुमार से तो कोई लालू प्रसाद यादव से, लेकिन अंत में निर्णय ‘भूरा बाल’ का ही होगा। उन्होंने इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि जनता को कैद करने वाले और ‘भूरा बाल’ साफ करने की बात करने वाले देश नहीं चला सकते। उन्होंने कहा कि भूरा बाल तय करेगा कि सिंहासन पर कौन बैठेगा। 

'भूरा बाल' साफ करने की बात करने वालों पर भड़के

बता दें कि, यह बातें उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह की 5वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कहीं। यह कार्यक्रम मुजफ्फरपुर के होटल लिच्छवी में रघुवंश कर्पूरी विचार मंच की ओर से आयोजित किया गया था, जहां वे मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। पूर्व सांसद ने रघुवंश प्रसाद सिंह को याद करते हुए कहा कि वे समाज सेवा करते हुए दुखी मन से विदा हुए। रघुवंश बाबू उस पीढ़ी के नेता थे जिनकी ट्रेनिंग जाति-धर्म पर नहीं, बल्कि समाजवाद पर हुई थी।

दुर्भाग्यपूर्ण है

आनंद मोहन ने गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि गोडसे ने देश को पीछे धकेला और आज सावरकर की प्रतिमा बनाई जा रही है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कट्टरवाद को समाजवाद के लिए खतरा बताया और कहा कि कट्टर मुसलमानों ने बांग्लादेश में और कट्टर हिंदुओं ने नेपाल में समाजवाद को कमजोर किया है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।