Patna news: फोटो लगी, नाम लिखा 'ब्लूटूथ', और मिल गया प्रमाण पत्र, अंचल कार्यालय की लापरवाही की खुली पोल

एक आवासीय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया गया। आवेदनकर्ता ने अपना नाम "ब्लूटूथ नॉइस" और अपने माता-पिता का नाम "ईस्ट वुड" दर्ज किया। फोटो भी ब्लूटूथ का ही था....

वाह रे अधिकारी- फोटो : social Media

Patna news:  बिहार के बाढ़ अंचल कार्यालय में सामने आया एक हालिया मामला सरकारी लापरवाही और फर्जीवाड़े के गहरे नेक्सस को उजागर करता है। यह घटना किसी अपराध कथा से कम नहीं, जहां एक व्यक्ति ने सरकारी व्यवस्था की कमजोरियों को बेनकाब करने के लिए एक सुनियोजित "स्टिंग" ऑपरेशन को अंजाम दिया।

मामला तब सामने आया जब एक आवासीय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया गया। आवेदनकर्ता ने अपना नाम "ब्लूटूथ नॉइस" और अपने माता-पिता का नाम "ईस्ट वुड" दर्ज किया। चौंकाने वाली बात यह थी कि संलग्न तस्वीर किसी इंसान की नहीं, बल्कि एक ब्लूटूथ डिवाइस की थी। लेकिन, इससे भी अधिक हैरतअंगेज यह कि, बिना किसी पूर्व वेरिफिकेशन या जांच-पड़ताल के, यह फर्जी नाम और फोटो वाला प्रमाणपत्र सरकारी मुहर और हस्ताक्षर के साथ जारी भी कर दिया गया।

जैसे ही इस अजीबो-गरीब कांड की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुईं, पूरे सरकारी तंत्र की कारगुजारी पर सवाल खड़े हो गए। जब आवेदनकर्ता से इस संबंध में पूछताछ की गई, तो उसने बेबाकी से स्वीकार किया कि यह सब जानबूझकर किया गया था। उसका मकसद यह साबित करना था कि सरकारी अधिकारी बिना किसी सत्यापन के दस्तावेजों पर आँख मूंदकर हस्ताक्षर कर देते हैं, जिससे भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े की गुंजाइश बनी रहती है।

बाढ़ अनुमंडल पदाधिकारी ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन जनता इस तरह के आश्वासनों से भली-भांति परिचित है, क्योंकि अक्सर ऐसी 'जांच' फाइलें धूल फांकती रह जाती हैं। यह कोई इकलौती घटना नहीं है; कुछ समय पहले मुंगेर जिले में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जहां एक "सोनालिका ट्रैक्टर" के नाम पर आवासीय प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया था, उसे बाकायदा स्थायी निवासी घोषित कर दिया गया।

सवाल यह है कि क्या सरकारी तंत्र को अब "ब्लूटूथ" जैसे अनधिकृत कनेक्शन की नहीं, बल्कि जागरूक निगरानी और जिम्मेदार अफसरशाही की सख्त जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह के अपराधों पर लगाम लगाई जा सके?