Bihar Election 2025: बिहार चुनाव के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने जारी की पहली लिस्ट, 100 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पहली लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी इस बार 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बिहार में तीसरा राजनीतिक विकल्प बनने का दावा कर रही है।
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाने लगा है और इसी बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने शनिवार को अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी।पार्टी ने घोषणा की है कि वह इस बार करीब 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जो पिछली बार की तुलना में पांच गुना ज्यादा है।
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि पार्टी का लक्ष्य बिहार की राजनीति में एक तीसरा मजबूत विकल्प तैयार करना है। अब तक राज्य में राजनीति दो खेमों — भाजपा-एनडीए और कांग्रेस-राजद महागठबंधन — के इर्द-गिर्द घूमती रही है, लेकिन AIMIM इसे बदलना चाहती है।
इन सीटों पर उतरेगी AIMIM के उम्मीदवार
AIMIM ने अपनी पहली सूची में कई मुस्लिम बहुल और सीमांचल क्षेत्र की सीटों को शामिल किया है। इन सीटों पर पार्टी की पकड़ पारंपरिक रूप से मजबूत मानी जाती है।
पहली सूची के अनुसार, AIMIM इन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी:
जिला किशनगंज: बहादुरगंज, ठाकुरगंज, कोचाधामन, किशनगंज
जिला पूर्णिया: अमौर, बायसी, कस्बा
जिला कटिहार: बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी, कदवा
जिला अररिया: जोकीहाट, अररिया
जिला गया: शेरघाटी, बेला
जिला मोतिहारी: ढाका, नरकटिया
जिला नवादा: नवादा शहर
जिला जमुई: सिकंदरा
जिला भागलपुर: भागलपुर, नाथनगर
जिला सिवान: सिवान
जिला दरभंगा: जाले, केवटी, दरभंगा ग्रामीण, गौरा बौराम
जिला समस्तीपुर: कल्याणपुर
जिला सीतामढ़ी: बाजपट्टी
जिला मधुबनी: बिस्फी
जिला वैशाली: महुआ
जिला गोपालगंज: गोपालगंज
AIMIM का यह चुनावी विस्तार स्पष्ट संकेत देता है कि पार्टी सीमांचल से निकलकर मध्य और दक्षिण बिहार तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है।
अख्तरुल ईमान बोले NDA और महागठबंधन को हमारी मौजूदगी का एहसास होगा
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा, ''हमारी योजना 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की है। एनडीए और महागठबंधन दोनों को हमारी मौजूदगी का एहसास होगा।'' उन्होंने कहा कि 2020 के चुनाव में AIMIM पर सेक्युलर वोट बांटने का आरोप लगाया गया था, लेकिन इस बार हालात अलग होंगे।ईमान ने दावा किया कि AIMIM इस बार बिहार में “तीसरा मोर्चा” खड़ा करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।
तेजस्वी यादव को भेजा था गठबंधन का प्रस्ताव
अख्तरुल ईमान ने यह भी खुलासा किया कि AIMIM ने पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।उन्होंने कहा कि AIMIM अब समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठजोड़ करने के विकल्प तलाश रही है। ईमान ने कहा कि हम चाहते थे कि सभी सेक्युलर ताकतें एक साथ आएं, लेकिन जब जवाब नहीं मिला तो हमने खुद का रास्ता चुना। AIMIM अब अपने जनाधार को बढ़ाएगी और कमजोर वर्गों की आवाज बनेगी।”
बिहार में AIMIM की स्थिति और चुनौती
पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में AIMIM ने बसपा और रालोसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और 5 सीटें जीती थीं। इन सीटों में ज्यादातर सीमांचल क्षेत्र की थीं। हालांकि, 2022 में पार्टी के चार विधायक राजद में शामिल हो गए, जिससे AIMIM के पास केवल एक विधायक — अख्तरुल ईमान ही बचे।AIMIM बिहार में खासतौर पर मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाकों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां मुस्लिम आबादी लगभग 17% है, लेकिन विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व सीमित रहा है।पार्टी का मानना है कि वह इस वर्ग को सीधी राजनीतिक आवाज दे सकती है।
चुनावी समीकरणों पर असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि AIMIM का यह कदम महागठबंधन और NDA दोनों के लिए चुनौती बन सकता है।जहां महागठबंधन को मुस्लिम वोट बैंक पर भरोसा रहा है, वहीं AIMIM के मैदान में उतरने से वोटों का बिखराव संभव है।दूसरी ओर, NDA को भी सीमांचल में नई रणनीति बनानी होगी, क्योंकि AIMIM का प्रभाव वहां लगातार बढ़ रहा है।AIMIM का दावा है कि वह नए बिहार” की आवाज बनेगी, जहां धर्म और जाति से ऊपर उठकर वंचित वर्गों की राजनीति होगी।