Bihar Bandh Today:वोटबंदी के विरुद्ध बिहार बंद, INDIA गठबंधन का विरोध मार्च और चक्का जाम, आज बंद रहेंगे पटना के अधिकतर निजी स्कूल, महात्मा गांधी सेतु जाम
Bihar Bandh Today:बिहार की सड़कों पर आज जनाक्रोश का सैलाब है। INDIA गठबंधन के आह्वान पर बुधवार को बिहार बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है।
Bihar Bandh Today:बिहार की सड़कों पर आज जनाक्रोश का सैलाब है। INDIA गठबंधन के आह्वान पर बुधवार को बिहार बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। मतदाता गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के खिलाफ विरोध में राजद, कांग्रेस, वाम दलों और ट्रेड यूनियनों ने एकजुट होकर इसे गरीबों के वोट और नागरिकता पर हमला बताया है। गठबंधन का आरोप है कि यह प्रक्रिया 'वोटबंदी' है, जो गरीब तबके को लोकतंत्र से बाहर करने की साजिश है।
तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के नेताओं ने बिहार के कई हिस्सों में मोर्चा संभाला। महुआ से राजद विधायक डॉ. मुकेश रौशन के नेतृत्व में गांधी सेतु और रामाशीष चौक जैसे उत्तर बिहार के अहम प्रवेशद्वारों पर चक्का जाम किया गया। वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।
दानापुर और मनेर में भी प्रदर्शनकारियों ने आक्रोश व्यक्त किया। NH-30 पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया गया, और ‘वोटबंदी नहीं चलेगी’ के नारे लगाए गए। प्रदर्शनकारी कह रहे हैं कि हम हिन्दुस्तानी हैं, हम अपनी नागरिकता चाहते हैं। गरीबों का वोट काटकर उन्हें लोकतंत्र से बेदखल किया जा रहा है।
संत जेवियर्स, संत माइकल्स और संत जोसेफ जैसे नामी स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छुट्टी की घोषणा कर दी है। बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अनुसार, पूरे राज्य में अधिकांश निजी स्कूल आज बंद हैं।
प्रशासन ने पटना में सुरक्षा के पुख़्ता प्रबंध किए हैं। शहर में 50 से अधिक मजिस्ट्रेट और 600 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। तनाव को देखते हुए हर संवेदनशील स्थान पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
बंद के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के नेता आयकर गोलंबर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय तक विरोध मार्च निकालेंगे और कार्यालय का घेराव करेंगे। उनका कहना है कि मतदाता पुनरीक्षण की यह प्रक्रिया विधानसभा चुनाव के बाद करवाई जानी चाहिए, ताकि इसका कोई राजनीतिक दुरुपयोग न हो सके।
गठबंधन का तर्क है कि जिन 11 दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वे आम गरीब नागरिकों के पास नहीं हैं। इससे करोड़ों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटने का खतरा है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा हनन है।
रिपोर्ट- रंजन कुमार