बिहार के मंदिरों में लगेंगे सीसीटीवी, पूरा परिसर होगा धूम्रपान निषेध क्षेत्र, पटना हाईकोर्ट ने दिया आदेश, जानें और क्या कहा

Patna - पटना हाईकोर्ट ने राज्य में मंदिरों को लेकर कर रही सुनवाई में कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है।कोर्ट ने मंदिरों के साफ सफाई से लेकर प्रवेश व निकासी और सीसीटीवी कैमरा लगाने के बारे में निर्देश दिया।
जस्टिस राजीव राय ने संतोष कुमार झा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की। इस मामलें पर सुनवाई के दौरान धार्मिक न्यास पर्षद की ओर से वरीय अधिवक्ता गणपति त्रिवेदी ने कोर्ट को बताया कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने दरभंगा जिला स्थित श्री बाबा कुशेश्वरनाथ मंदिर के रख रखाव को लेकर विरौल के अनुमंडल पदाधिकारी के अध्यक्षता में एक न्यास समिति का गठन किया गया है।
उनका कहना था कि हाईकोर्ट की ओर से जारी दिशा निर्देश को पालन करने का निर्देश न्यास समिति को दिया गया है। वहीं राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील प्रशांत प्रताप ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश गत 25 जुलाई के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करेंगे।
ध्वनि प्रदूषण पर निगरानी
कोर्ट ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी अपने अनुमंडल में वायु/ध्वनि प्रदूषण की जांच करने के लिए अधिकृत अधिकारी होते हैं। उन्हें यह देखना होगा कि उनके क्षेत्राधिकार में अवस्थित मंदिर में छोटे स्पीकर (लाउडस्पीकर नहीं) लगाए जाते हैं, तो भजन ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत निर्धारित डेसिबल स्तर के अंतर्गत होना चाहिए।
दानपेटी को लेकर यह निर्देश
कोर्ट का कहना था कि भक्त/तीर्थयात्री मंदिर में मन की शांति के लिए आते हैं, न कि शोर का सामना करने के लिए। कोर्ट ने कहा कि मंदिर में स्थायी दान पेटियों का निर्धारण इस प्रकार होना चाहिए कि मूल्यवान वस्तुएं डालने और दान करने में दान पेटी में आसानी से गिरा सकें। उन्हें कोई निकाल न सके।
प्रवेश और निकास द्वार अलग
कोर्ट का कहना था कि मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास द्वार इस प्रकार अलग-अलग होने चाहिए कि मंदिर के अंदर जाने वाला भक्त बाहर निकलने वाले भक्तों के संपर्क में न आए।भीड़-भाड़ के समय भगदड़ को भी रोक सके।
कोर्ट का कहना था कि मंदिर का वित्तीय स्थिति ठीक हो, तो सीसीटीवी कैमरे अवश्य लगाए जाये। मंदिर में प्रत्येक दिन साफ़-सुथरी डस्टबिन को सुरक्षित स्थानों पर रखे। मंदिर के आसपास के क्षेत्र को तंबाकू मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाना चाहिए।
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि बाबा कुशेश्वर नाथ मंदिर के अंदर एक 'तालाब' है और बिरौल के उप-मंडल अधिकारी उसे साफ़ करने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं।उसके किनारे पौधे भी लगा रहे हैं।
कोर्ट ने इस मामलें पर अगली सुनवाई की तारीख 12 सितम्बर,2025 निर्धारित की है।