Bihar Bandh Latest Update: पीएम के मां के सम्मान की लड़ाई में धधका बिहार, जज-IAS की गाड़ी रोकी, पटना में सड़कों पर हंगामा, स्कूल-ऑफिस ठप

Bihar Bandh Latest Update: सुबह 8 बजे से ही पटना की धड़कन ठहर सी गई। बाजार बंद हैं, दफ्तर पहुंचने वाले कर्मचारी घंटों तक जाम में फंसे रहे। कई स्कूलोपटना हाईकोर्ट के जज साहेब की गाड़ी को भी रोक लिया गया, बाद में पुलिस ने कारकेड बनाकर उन्हें निकलवाया।

जाम में फंसी राजधानी,जज-IAS की गाड़ी रोकी- फोटो : reporter

Bihar Bandh Latest Update: बिहार की राजनीति गुरुवार को बारूद की तरह फट पड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय मां के खिलाफ दरभंगा में दिए गए आपत्तिजनक बयान ने पूरे प्रदेश का माहौल आग की लपटों में झोंक दिया। इसी विरोध में एनडीए घटक दलों—भाजपा, जदयू, लोजपा (रा), हम और रालोमो—ने सुबह 7 बजे से 12 बजे तक बिहार बंद का आह्वान किया।पटना की सड़कों पर गुरुवार सुबह से ही बिहार बंद के नारे गूंजने लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर आपत्तिजनक टिप्पणी ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। भाजपा ने इस बयान को न केवल एक व्यक्ति पर हमला, बल्कि भारतीय संस्कृति और मातृत्व का अपमान बताते हुए प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान किया। यहां तक कि पटना हाईकोर्ट के जज साहेब की गाड़ी को भी रोक लिया गया, बाद में पुलिस ने कारकेड बनाकर उन्हें निकलवाया।

महिला मोर्चा की अगुवाई, जाम में फंसी राजधानी

राजधानी पटना में भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष धर्मशिला गुप्ता के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। पोस्टर, बैनर और नारों के बीच महिला कार्यकर्ताओं ने आयकर गोलंबर, राजेंद्र नगर, बोरिंग रोड और अशोक राजपथ जैसे प्रमुख इलाकों को जाम कर दिया। पिछले डेढ़ घंटे से ट्रैफिक थमा पड़ा है।

स्कूल-ऑफिस ठप, आमजन परेशान

सुबह 8 बजे से ही पटना की धड़कन ठहर सी गई। बाजार बंद हैं, दफ्तर पहुंचने वाले कर्मचारी घंटों तक जाम में फंसे रहे। कई स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए छुट्टी घोषित कर दी। सड़क पर गाड़ियों की कतारें ऐसी जमीं कि नेशनल हाईवे तक ठप हो गया।

हालांकि, प्रशासन ने साफ किया है कि आपातकालीन सेवाएं—एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और मेडिकल सेवाएं—बाधित नहीं होंगी। लेकिन आमजन का गुस्सा यह कह रहा है कि राजनीतिक लड़ाई का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।

“मां के सम्मान” बनाम “राजनीतिक रंग”

भाजपा नेताओं ने ऐलान किया है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक टिप्पणी करने वाले नेता सार्वजनिक माफी नहीं मांगते। पार्टी का कहना है, “प्रधानमंत्री की मां पर अपशब्द केवल एक परिवार पर हमला नहीं, बल्कि हर मां का अपमान है।”वहीं, विपक्ष इसे भाजपा की राजनीतिक चाल करार दे रहा है। उनका कहना है कि मुद्दों से भटकाने के लिए इसे बड़ा बनाया जा रहा है।

पटना में खौल रहा माहौल

बिहार की राजनीति गुरुवार को बारूद की तरह फट पड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय मां के खिलाफ दरभंगा में दिए गए आपत्तिजनक बयान ने पूरे प्रदेश का माहौल आग की लपटों में झोंक दिया। इसी विरोध में एनडीए घटक दलों—भाजपा, जदयू, लोजपा (रा), हम और रालोमो—ने सुबह 7 बजे से 12 बजे तक बिहार बंद का आह्वान किया।

कैमूर में सुलगा गुस्सा, सड़क पर उतरे कार्यकर्ता

कैमूर जिले के दुर्गावती में एनडीए कार्यकर्ताओं ने एनएच जाम कर दिया। वहीं मोहनिया चांदनी चौक पर भाजपा समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया और “राहुल गांधी मुर्दाबाद, तेजस्वी यादव शर्म करो” जैसे नारे गूंज उठे। सड़कें ठप, दुकानें बंद और गाड़ियों की लंबी कतारें इस बात की गवाही दे रही थीं कि गुस्सा चरम पर है।

राजधानी समेत जिलों में असर, बाजार पड़े सुनसान

पटना, सीवान, दरभंगा, आरा से लेकर मुंगेर तक बंद का असर दिखा। जगह-जगह एनडीए कार्यकर्ता बैनर, झंडा और पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे। दुकानदारों ने शटर गिरा दिए, सड़कें सुनसान हो गईं और लोग घरों में कैद नजर आए। ऑफिस और स्कूल जाने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

मुंगेर में महिला मोर्चा की अगुवाई

मुंगेर में भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुमेधा आर्य के नेतृत्व में बीकापुर, कौड़ा मैदान और मुख्य बाजार में कार्यकर्ता सुबह से ही सड़क जाम करवा रहे थे। उन्होंने कहा—“प्रधानमंत्री की स्वर्गीय मां को गाली देना सिर्फ एक परिवार पर वार नहीं, बल्कि पूरे देश की मातृत्व संस्कृति का अपमान है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को देश से माफी मांगनी होगी।”

सियासत में तल्खी, सड़कों पर तांडव

बंद के दौरान कई जगहों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। चौक-चौराहों पर नारेबाजी, झंडे और बैनरों के बीच पुलिस-प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ी। एनडीए नेताओं ने साफ कर दिया है कि यह “मां के सम्मान की लड़ाई” है और जब तक माफी नहीं मिलेगी, विरोध और तेज होगा।

बिहार बंद, राजनीति बंद नहीं

जहां एनडीए इसे आवाज-ए-इंसाफ बता रहा है, वहीं विपक्ष इस आंदोलन को राजनीति चमकाने की कोशिश कह रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि आज बिहार की सड़कों पर सियासत का ज्वालामुखी फट चुका है—और उसकी गर्मी हर जिले तक पहुंच चुकी है।

पटना से बंदना शर्मा, नरोत्तम सिंह, रंजीत कुमार के साथ  कैमूर से देव तिवारी, गया से मनोज कुमार, मुंगेर से मोच इम्तियाज की रिपोर्ट