Bihar Fake Land Jamabandi: एक्शन के मूड में केके पाठक! सरकारी जमीन फर्जी जमाबंदी मामले में राजस्व विभाग ने शुरू की कार्रवाई, 228 लोगों को भेजा गया नोटिस
भोजपुर जिले में 349 एकड़ सरकारी जमीन पर फर्जी जमाबंदी का खुलासा। राजस्व पर्षद अध्यक्ष KK पाठक ने जांच का लिया संज्ञान। 228 लोगों को नोटिस जारी।

Bihar Fake Land Jamabandi: बिहार के भोजपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां 349 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन पर फर्जी जमाबंदी करके 228 लोगों को अवैध रूप से भूमि आवंटित कर दी गई। यह जमीन गंगा नदी, मंदिर परिसर और अन्य सरकारी भूमि की है। यह फर्जीवाड़ा लगभग 50 साल पहले 1975-76 के दौरान हुआ, लेकिन इसका खुलासा अब हुआ है।
इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब बिहार के राजस्व पर्षद के अध्यक्ष KK पाठक ने हाल ही में भोजपुर जिला मुख्यालय पहुंचकर इस पर डीएम को कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके निर्देश के बाद प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई और तुरंत कार्रवाई शुरू हो गई।
228 लोगों को नोटिस, सुनवाई अगले सप्ताह से
राजस्व विभाग ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए ADM (अपर जिला पदाधिकारी) ने अपने न्यायालय में केस को स्वीकृति दे दी है और 228 लोगों को नोटिस जारी करने का आदेश पारित कर दिया है। ये सभी लोग कथित रूप से उस जमीन पर कब्जा किए बैठे हैं जो कानूनी रूप से सरकार की है।अब इन सभी से जमीन से संबंधित वैध कागजात प्रस्तुत करने को कहा जाएगा। यदि वे वैध दस्तावेज देने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ फर्जी जमाबंदी रद्द करने का आदेश ADM द्वारा पारित किया जाएगा।इस आदेश के बाद प्रशासनिक अमला इन सभी अवैध कब्जेदारों की जमीन से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। यह कार्रवाई राजस्व पर्षद अध्यक्ष के निर्देशों के अनुसार की जाएगी।
दोषी अधिकारी और कर्मचारी भी होंगे जांच के घेरे में
इस मामले में केवल फर्जी लाभार्थियों पर ही नहीं, बल्कि तत्कालीन राजस्व पदाधिकारी और अन्य सरकारी कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। KK पाठक ने स्पष्ट कहा है कि इस मामले में जो भी अधिकारी या कर्मचारी शामिल रहा है, उसके खिलाफ जांच और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह न केवल एक कानूनी मसला है बल्कि यह सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार और मिलीभगत की भी पोल खोलता है। इतने वर्षों तक इतनी बड़ी सरकारी जमीन का गुपचुप तरीके से गैरकानूनी कब्जा होना, प्रशासनिक निगरानी की गंभीर विफलता को उजागर करता है।
कैसे हुआ इस घोटाले का खुलासा?
यह मामला अचानक नहीं खुला। जनवरी 2024 में एक शनिवारीय बैठक के दौरान अजय कुमार सिंह बनाम बबन सिंह के विवाद से यह मामला सामने आया। मामला सिन्हा पंचायत के खाता संख्या 1485 और 1486 से जुड़ा हुआ था, जो सरकारी जमीन से संबंधित था।
इस विवाद की जांच करते हुए यह सामने आया कि यह सिर्फ एक-दो खाता संख्या तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरा घोटाला 349 एकड़ से अधिक भूमि तक फैला हुआ है। तत्कालीन अंचलाधिकारी ने तत्काल जमाबंदी रद्द करने की अनुशंसा ADM से की, और यहीं से जांच का चक्र शुरू हुआ।