Bihar Govt: विधानसभा चुनाव के पहले नीतीश सरकार का मास्टर स्ट्रोक! करने वाली है ये काम जिसे युवाओं को मिलेगा रोजगार
Bihar Govt: बिहार सरकार ने पटना में पानी के जहाजों की मरम्मत सुविधा के लिए ड्राई डॉक निर्माण को मंजूरी दी है। इससे जल परिवहन को बढ़ावा और उद्योग जगत को राहत मिलेगी।
Bihar Nitish Govt: बिहार सरकार ने जल परिवहन के क्षेत्र में नई क्रांति की शुरुआत कर दी है। पटना के दुजरा इलाके में राज्य का पहला ड्राई डॉक बनाने की योजना को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना को अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के साथ मिलकर अंजाम दिया जाएगा। इसका उद्देश्य है — पानी के जहाजों की मरम्मत और रखरखाव की स्थानीय सुविधा विकसित करना, जिससे अब कोलकाता की निर्भरता खत्म हो सके।
पांच एकड़ भूमि स्वीकृत, जल्द शुरू होगा निर्माण
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय को पटना के दुजरा क्षेत्र में 5 एकड़ भूमि आवंटित कर दी गई है। राज्य मंत्रिमंडल सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, यह भूमि IWAI को हस्तांतरित की जाएगी और निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा।फिलहाल, बिहार में जलमार्ग से चलने वाले जहाजों की मरम्मत की कोई स्थानीय व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते व्यापारियों को कोलकाता जाना पड़ता है — जिससे समय और लागत दोनों बढ़ते हैं।
ड्राई डॉक: क्या है इसका महत्व?
ड्राई डॉक एक विशेष संरचना होती है, जिसका उपयोग पानी से जहाजों को निकालकर उनकी मरम्मत, रखरखाव और निर्माण में किया जाता है। इसकी सुविधा विकसित होने से जहाजों की लोकल स्तर पर मरम्मत संभव होगी।इंडस्ट्रियल शिपिंग को बढ़ावा मिलेगा।लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में कमी आएगी।स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ को गति मिलेगी।
उद्योग और परिवहन को मिलेगा सीधा लाभ
कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि ड्राई डॉक न केवल जल परिवहन को मजबूती देगा, बल्कि इससे उद्योग जगत को भी बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पानी के रास्ते से परिवहन का खर्च सड़क या रेल परिवहन की तुलना में काफी कम होता है। ड्राई डॉक से जहाजों की रिपेयरिंग सुलभ होगी, जिससे जलमार्ग से व्यापार को मजबूती मिलेगी।इस पहल के पीछे सरकार का उद्देश्य न केवल शिपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है, बल्कि जल-आधारित उद्योगों को एक नया विकल्प भी देना है।
दो वर्षों में निर्माण पूरा करने का लक्ष्य
विभाग की योजना है कि अगले दो वर्षों के भीतर ड्राई डॉक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए। निर्माण के दौरान तकनीकी विशेषज्ञता, पोर्ट इंजीनियरिंग, और नौवहन मानकों का पूरी तरह पालन किया जाएगा।