Bihar weather:अगस्त की अंतिम तपिश में बिहार होगा बेहाल, इन 13 जिलों में बारिश का अलर्ट, अब इतने दिन बाद आसमान से बरसेंगे मेघ
Bihar weather: सावन-भादो की ऋतु में जहाँ लोगों को बादलों के घने घेरों और बारिश की टपकती बूंदों का इंतज़ार रहता है, वहीं फिलहाल सूरज की तपिश और उमस की बेचैनी ने जनजीवन को बेहाल कर दिया है।
Bihar weather: बिहार की धरती पर इन दिनों आसमान का मिज़ाज मानो दुल्हन की चुनरी-सा अधूरा और धुंधला हो गया है। सावन-भादो की ऋतु में जहाँ लोगों को बादलों के घने घेरों और बारिश की टपकती बूंदों का इंतज़ार रहता है, वहीं फिलहाल सूरज की तपिश और उमस की बेचैनी ने जनजीवन को बेहाल कर दिया है। बारिश का एक और स्पेल गुजर चुका है और अब कुछ दिनों के लिए आसमान पर धूप का दबदबा रहेगा। गयाजी और किशनगंज को छोड़ पूरे बिहार में मंगलवार को बूंदाबांदी तक की राहत नसीब नहीं हुई। दोनों जिलों में भी बारिश नाम भर को हुई, मानो आसमान ने बस औपचारिकता निभाई हो।टना में भी बादल छाए रहे, लेकिन बारिश नहीं हुई।
भारतीय मौसम विभाग की मानें तो यह खामोशी ज़्यादा दिनों तक टिकने वाली नहीं। 30 अगस्त से एक बार फिर बादलों का रेला आएगा और झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू होगा। लेकिन तब तक राज्यवासियों को उमस और तपिश के साथ जीना ही पड़ेगा। मंगलवार को पटना सहित अधिकांश जिलों में दिन का पारा पाँच डिग्री सेल्सियस तक ऊपर चढ़ गया। आलम यह रहा कि आंशिक बादलों की आड़ में भी धूप तेज़ झुलसाती रही।बिहार में मानसून पूरी तरह सक्रिय है। मौसम विज्ञान केंद्र ने आज यानी बुधवार को 13 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले 24 घंटे तक हल्की और मध्यम बारिश की संभावना है।वहीं, 26 जिलों में आसमान साफ रहेगा। इन जिलों में लोग उमस भरी गर्मी से परेशान हो सकते हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, जिन जिलों में बारिश नहीं होगी, वहां अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी हो सकती है।
आज यानी 27 अगस्त को सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया और कटिहार जिलों में मध्यम बारिश का अनुमान है। लेकिन मौसम का हाल देखकर यही लगता है कि इन इलाकों में भी केवल हल्की बूंदाबांदी ही होगी। खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, बांका और जमुई के साथ उत्तर बिहार के शेष हिस्सों में भी आसमान से महज़ औपचारिक फुहारें गिरेंगी। दूसरी ओर, पटना, गयाजी, बक्सर और दक्षिण बिहार के अधिकतर जिलों का मौसम पूरी तरह शुष्क रहने वाला है।
मॉनसून की द्रोणिका इस समय बिहार से दूर खिसक चुकी है। अन्य मौसमी सिस्टमों का भी कोई ख़ास असर राज्य पर नहीं दिख रहा। यही वजह है कि अभी भारी बारिश के आसार बिल्कुल नहीं हैं। हालाँकि, 30 अगस्त से हालात बदलेंगे और सितम्बर महीने तक राज्य भर में मानसून अपना रंग जमाएगा।
इस बार मानसून उत्तर बिहार की तुलना में दक्षिणी हिस्सों पर अधिक मेहरबान साबित हुआ है। गयाजी और नवादा जैसे जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। गयाजी में तो 25 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, जबकि पटना में नौ प्रतिशत की बढ़त रही। इसके बावजूद, पूरे बिहार का हिसाब देखें तो अब तक 27 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज हुई है।
बिहार के गाँवों और कस्बों में किसान बादलों की टकटकी लगाए बैठे हैं। खेतों में रोपाई अधूरी पड़ी है और तालाबों का पानी धीरे-धीरे घट रहा है। लोग मन ही मन आसमान से बरसने वाली राहत की प्रतीक्षा कर रहे हैं। फिलहाल तो सूरज की तपिश और उमस की घुटन ने हर किसी को परेशान कर रखा है, लेकिन 30 अगस्त से उम्मीद की बूंदें फिर से झरेंगी और सूखी धरती पर जीवन का संगीत गूँज उठेगा।