Bihar Land Survey: भूमि सर्वेक्षण से जुड़ी बड़ी खबर, जमीन मालिकों की टेंशन खत्म, जमाबंदी को लेकर मिली राहत
Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वेक्षण से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। जमाबंंदी को लेकर जो जमीन मालिकों की परेशानी है सरकार ने उसे दूर करने के लिए प्लान बनाया है।

Bihar Land Survey: बिहार में एक बार फिर जमीन सर्वे का काम शुरु हो गया है। जानकारी अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरु हो चुका है। अब प्रत्येक जिले के निवासी स्वघोषणा के आधार पर अपने दस्तावेज या वंशावली को अपलोड कर सकते हैं, इसमें कोई कठिनाई नहीं होगी। बिहार के सभी 9 प्रमंडलों में जमीन सर्वे का सर्वर अब सक्रिय हो गया है, जिससे रैयत बिना किसी परेशानी के अपनी वंशावली और अन्य दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं। इसके साथ ही सूबे में ऑनलाइन जमाबंदी को त्रुटि रहित बनाने के लिए आगामी 15 मार्च तक विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
प्रशासन ने दिए सख्त निर्देश
बता दें कि, यह शिविर प्रत्येक प्रखंड के सभी पंचायतों में प्रतिदिन आयोजित होंगे, जहां मूल जमाबंदी के डिजिटलीकरण के आधार पर ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार किया जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देशानुसार अंचल अधिकारियों को सभी पंचायतों में विशेष शिविर लगाने का निर्देश दिया गया है। हल्का कर्मचारियों को अपने-अपने हल्के के सभी मौजों में जमाबंदी सुधार की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कैसे होगा सुधार?
राजस्व कर्मचारी मूल जमाबंदी की स्कैन कॉपी और ऑनलाइन प्रति का मिलान करेंगे। जिन जमाबंदियों की स्कैनिंग नहीं हो सकी है, वहां मूल दस्तावेज के आधार पर सुधार किया जाएगा। मूल जमाबंदी में दर्ज रैयत और भूमि संबंधी विवरण को बिना किसी बदलाव के हूबहू ऑनलाइन किया जाएगा। सुधार कार्य ई-जमाबंदी मॉड्यूल के जरिए किया जाएगा।
जमाबंदी क्या है और क्यों जरूरी है?
जमाबंदी एक महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज है, जो जमीन के मालिकाना हक और उसके विवरण को दर्शाता है। इसमें खसरा नंबर, जमीन का क्षेत्रफल, जमीन का प्रकार, मालिक का नाम और पते जैसी जानकारी दर्ज होती है। यह दस्तावेज जमीन की खरीद-फरोख्त, विभाजन और कानूनी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार का यह अभियान ऑनलाइन जमाबंदी में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।