Bihar Politics: खरमास शुरु होने से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, विधानसभा अध्यक्ष ने 19 समितियों का किया गठन, भाई वीरेंद्र को मिली बड़ी जिम्मेदारी

Bihar Politics: खरमास शुरु होने से पहले नीतीश सरकार सभी जरुरी कामों को खत्म कर रही है। इसी कड़ी में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष ने 19 समितियों का गठन किया है। विपक्ष को भी समितियों का सभापति बनाया गया है।

विधानसभा की 19 समितियों का गठन- फोटो : social media

Bihar Politics:  18वीं बिहार विधानसभा के अध्यक्ष प्रेम कुमार ने शनिवार को सदन की कुल 19 स्थायी समितियों का गठन किया। विधानसभा अध्यक्ष स्वयं नियम समिति, सामान्य प्रयोजन समिति और विशेषाधिकार समिति के सभापति बनाए गए हैं। बता दें कि, खरमास शुरू होने से पहले सरकार ने यह अहम फैसला लिया है। गठित समितियों में कई पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ विधायकों को सभापति की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पूर्व मंत्रियों में नीतीश मिश्रा, संतोष कुमार निराला, दामोदर रावत और हरिनारायण सिंह प्रमुख रूप से शामिल हैं।

भाई वीरेंद्र को बड़ी जिम्मेदारी

राजद के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र को लोक लेखा समिति का सभापति बनाया गया है। पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा को प्राक्कलन समिति की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं जदयू के वरिष्ठ विधायक हरिनारायण सिंह को सरकारी उपक्रम समिति का सभापति नियुक्त किया गया है। पूर्व मंत्री दामोदर रावत को राजकीय आश्वासन समिति का सभापति बनाया गया है, जबकि जनक सिंह को याचिका समिति की जिम्मेदारी दी गई है।

इनको भी मिली जिम्मेदारी

अमरेंद्र कुमार पांडेय को प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति और शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को जिला परिषद एवं पंचायती राज समिति का सभापति बनाया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने संतोष कुमार निराला को अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण समिति तथा सिद्धार्थ सौरभ को निवेदन समिति का दायित्व सौंपा है। दीघा से विधायक संजीव चौरसिया को आचार समिति का सभापति नियुक्त किया गया है। 

अख्तरुल इमान बने कल्याण समिति के सभापति

वहीं अश्वमेघ देवी को महिला एवं बाल विकास समिति, अवधेश सिंह को पर्यावरण समिति, अख्तरुल इमान को अल्पसंख्यक कल्याण समिति और मनोरंजन सिंह को पर्यटन उद्योग समिति का सभापति बनाया गया है। इसके अलावा रेणु सिंह को विरासत विकास समिति और निशा सिंह को कारा सुधार समिति की सभापति नियुक्त किया गया है। इन नियुक्तियों के साथ ही विधानसभा की समितियों के माध्यम से विधायी कार्यों और सरकारी योजनाओं की निगरानी को और मजबूत करने की तैयारी मानी जा रही है।