Bihar IAS love story: प्रशासन की गलियों में महका इश्क़, बिहार की एसडीओ कृतिका और IAS अंकुर की प्रेम-गाथा बनी चर्चा का गुलशन, जल्द होगा विवाह

Bihar IAS love story: प्रशासनिक दुनिया, जहाँ फ़ाइलों की खड़खड़ाहट और आदेशों की सख़्ती ही सामान्य धुन हुआ करती है, वहीं खगड़िया जिले के गोगरी में तैनात IAS कृतिका मिश्रा की कहानी में एक नर्म धूप की तरह प्रेम का तरन्नुम घुल आया है।...

प्रशासन की गलियों में महका इश्क- फोटो : social Media

Bihar IAS love story:  प्रशासनिक दुनिया, जहाँ फ़ाइलों की खड़खड़ाहट और आदेशों की सख़्ती ही सामान्य धुन हुआ करती है, वहीं खगड़िया जिले के गोगरी में तैनात IAS कृतिका मिश्रा की कहानी में एक नर्म धूप की तरह प्रेम का तरन्नुम घुल आया है। तेज़ कार्यशैली, त्वरित निर्णय और न्यायपूर्ण रवैये के कारण इलाके में ‘कड़े मगर इंसाफ़ पसंद अधिकारी’ की पहचान रखने वाली इस अफ़सर की निजी कथा इन दिनों साहित्यिक रस घोलती नज़र आ रही है।

कृतिका, कानपुर के एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से आती हैं। उनके पिता, डॉ. दिवाकर मिश्रा, उत्तर प्रदेश भाजपा के शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक बताए जाते हैं। दूसरी ओर, अमेठी के शांत से कचनाव गांव की मिट्टी से उठकर अंकुर त्रिपाठी का IAS बनना एक तपस्या, जज़्बे और अदम्य इच्छाशक्ति की कहानी है। किसान परिवार से निकलकर पहले IPS, फिर दोबारा UPSC देकर IAS बनने का उनका सफ़र युवाओं में प्रेरणा की मशाल बन चुका है।

मसूरी की लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी, जहाँ प्रशासनिक कर्मठता की बुनियाद रखी जाती है, वहीं इन दोनों दिलों ने पहली बार एक-दूसरे को जाना। कहा जाता है कि क्लासरूम की बौद्धिक चर्चाएँ, परेड ग्राउंड की अनुशासित शामें और लाइब्रेरी की शांत रातों ने दोनों की सोच, संवेदना और संकल्पों को एक-दूसरे के करीब ला दिया। धीरे-धीरे यह बौद्धिक निकटता, भावनाओं की नरम लहरों में बदलने लगी और वहीं से शुरू हुई इनकी मोहब्बत की बुनावट।

कृतिका मिश्रा के गोगरी आगमन के बाद प्रशासन का पहिया जिस गति से घूमने लगा, वह उनके समर्पण और ईमानदारी की गवाही देता है। ग्रामीण कहते हैं कि मैडम के आने से फाइलें जाग गई हैं और दफ़्तर में जान आ गई है। वहीं अंकुर त्रिपाठी की कर्मनिष्ठा और शांत स्वभाव, उन्हें एक आदर्श अधिकारी के रूप में सामने लाते हैं।

दोनों के प्रेम-संबंध और सगाई की खबरों ने खगड़िया, अमेठी और लखनऊ में हल्की-सी सरगोशी जगा दी है। भले ही आधिकारिक पुष्टि न हुई हो, पर लोगों का कहना है कि यह रिश्ता दो उज्ज्वल करियरों, दो मज़बूत संकल्पों और दो साफ़ दिलों का खूबसूरत संगम है एक ऐसी प्रेम-गाथा, जो प्रशासनिक दुनिया की कठोरता में भी रूमानी रंग घोल देती है।