Electricity in Bihar: बिहार ने बनाया बिजली खपत का रिकॉर्ड, 20 वर्ष में 12 गुणा बढ़ोत्तरी, 8428 मेगावॉट पहुंची मांग
Electricity in Bihar: बिहार में बिजली खपत को लेकर पिछले 20 साल में रिकॉर्ड बना है. इसमें 20 वर्ष में 12 गुणा बढ़ोत्तरी के साथ राज्य में इस वर्ष बिजली की मांग 8428 मेगावॉट पहुंची है.
Electricity in Bihar: राज्य में पिछले 20 वर्ष के दौरान ऊर्जा की मांग और खपत में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। 2005 में 700 मेगावॉट बिजली की खपत हुआ करती थी। इसमें 12 गुणा से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई और 2025 में जून तक यह बढ़कर 8 हजार 428 मेगावॉट तक पहुंच गई है। 2012 में 1 हजार 751 मेगावॉट तथा 2014 में 2 हजार 831 मेगावॉट बिजली की खपत दर्ज की गई है।
ऊर्जा विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, ऊर्जा की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसके मद्देनजर पारंपरिक ऊर्जा के स्रोतों का भी उपयोग व्यापक स्तर पर करने की तैयारी है, ताकि बढ़ती मांग की पूर्ति की जा सके। मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना के अंतर्गत राज्य के सभी घरों तक निर्धारित अवधि से 5 महीने पहले यानी अक्टूबर 2018, में ही बिजली कनेक्शन पहुंचाया जा चुका है। इस योजना का नाम बाद में सौभाग्य कर दिया गया।
प्रति व्यक्ति 5 गुणा बढ़ी ऊर्जा की खपत
सूबे में बीते 20 वर्षों के दौरान प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत में करीब 5 गुणा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2005 में ऊर्जा खपत प्रति व्यक्ति 75 किलोवॉट थी, जो 2025 में बढ़कर 363 किलोवॉट हो गई है। 2012 में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत 134 किलोवॉट और 2014 में यह बढ़कर 160 किलोवॉट दर्ज की गई थी। इसी तरह उपभोक्ताओं की संख्या में भी करीब साढ़े 12 गुणा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2005 में राज्यभर में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 17 लाख थी, जो 2025 में बढ़कर 2 करोड़ 14 लाख हो गई। 2012 में 38 लाख और 2014 में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 43 लाख हुई थी।
अब शहर हो या गांव 22-24 घंटे रहती है बिजली
वर्तमान में राज्य के सभी शहरों या गांवों में औसतन 22 से 24 घंटे बिजली रहती है। अभी शहरी क्षेत्रों में औसतन 23-24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 22-23 घंटे बिजली रहती है। वहीं, 2005 की बात करें, तो शहरी क्षेत्रों में औसतन 10-12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में यह औसत 5-6 घंटे का था। 2012 में शहरी क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 14-16 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 8 से 10 घंटे बिजली रहती थी। 2014 में शहरी इलाके में औसतन 20-21 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्र में औसतन 14-16 घंटे बिजली मिलती थी। राज्य में विद्युतीकृत गांवों की संख्या (2005 में) 14 हजार 20 से बढ़कर 39 हजार 73 हो गई है। इसी तरह 2025 में राज्य के विद्युतीकृत टोलों की संख्या 1 लाख 6 हजार 249 हो गई है।