Bihar Election: 95 पूर्व अभ्यर्थियों को 3 सालों तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध, निर्वाचन आयोग का बड़ा फैसला
Bihar Election: बिहार में 95 पूर्व प्रत्याशी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी खर्च नहीं जमा करने के कारण अयोग्य घोषित। कोचस नगर पंचायत और बिक्रमगंज परिषद से सबसे ज्यादा नाम शामिल।
Bihar Election: बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य के छह नगर निकायों में 95 पूर्व प्रत्याशियों को तीन वर्षों के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया है। इन प्रत्याशियों पर निर्वाचन खर्च का लेखा-जोखा समय पर जमा न करने का आरोप है।
प्रमुख प्रभावित क्षेत्र:
कोचस नगर पंचायत (रोहतास): 39 अयोग्य प्रत्याशी
बिक्रमगंज नगर परिषद (रोहतास): 55 अयोग्य प्रत्याशी
दीघवारा नगर पंचायत (सारण): 1 अयोग्य प्रत्याशी
यह पहला मौका है जब राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन खर्च जमा नहीं करने को इतनी गंभीरता से लिया है और इसपर दंडात्मक कार्रवाई की है।
क्या है मामला?
कोचस नगर पंचायत के संदर्भ में यह कार्रवाई 2019 में हुए चुनाव के बाद 30 दिन की निर्धारित अवधि में खर्च रिपोर्ट दाखिल न करने पर की गई है।
बिक्रमगंज नगर परिषद:यहां प्रत्याशियों ने 2018 के निकाय चुनावों के बाद खर्च विवरण नहीं सौंपा था, जिसके परिणामस्वरूप आयोग ने कार्रवाई की।
दीघवारा नगर पंचायत (सारण):यहां एकमात्र प्रत्याशी को तीन वर्ष तक चुनाव लड़ने से रोका गया है।
क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण?
यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनावी पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।अनुशासनहीनता पर कठोर संदेश मिलेगा। भविष्य के प्रत्याशियों के लिए चेतावनी का संदेश है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता की रक्षा करने का प्रयास है। राज्य निर्वाचन आयोग का यह फैसला दर्शाता है कि अब केवल नामांकन भर देना ही पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि प्रत्येक उम्मीदवार को कानूनी और वित्तीय जवाबदेही का पालन करना अनिवार्य है।