पटना में ट्रैफिक को लेकर बड़ा फैसला: बीच सड़क सवारी बैठाई तो रद्द होगा परमिट, कमिश्नर ने DTO को दिया 'फ्री हैंड'
प्रमंडलीय आयुक्त ने आदेश दिया है कि निर्धारित स्टैंड के अलावा कहीं भी गाड़ी रोकी, तो बस का परमिट रद्द कर दिया जाएगा और मालिक-ड्राइवर पर कानूनी कार्रवाई होगी।
Patna - पटना की सड़कों पर मनमाने ढंग से बस रोककर सवारी बैठाने और ट्रैफिक जाम करने वाले चालकों की अब खैर नहीं है। प्रमंडलीय आयुक्त ने राजधानी की यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए "जीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाते हुए कड़े आदेश जारी किए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि निजी हो या सरकारी, अगर कोई भी बस निर्धारित स्टॉप (Bus Stand) के अलावा कहीं और रुकती है, तो उसका परमिट तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा।
निजी स्वार्थ के लिए शहर को जाम में झोंक रहे चालक
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प्रमंडलीय आयुक्त ने समीक्षा के दौरान पाया कि पटना के शहरी क्षेत्रों, विशेषकर गांधी मैदान के आसपास लगने वाले भीषण जाम और लगातार हो रही दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बस चालकों की मनमानी है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि निजी और सरकारी बसों के चालक चंद रुपयों के लालच और निजी स्वार्थ के चलते बीच सड़क पर ही गाड़ियां रोक देते हैं। इससे न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि आम जनता को घंटों जाम में फंसना पड़ता है।
DTO को सख्त निर्देश: मालिकों पर भी हो केस
जाम की समस्या से निपटने के लिए आयुक्त ने जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO), पटना को सख्त निर्देश दिया है कि वे अभियान चलाकर ऐसे वाहनों को चिन्हित करें। साथ ही नियम तोड़ने वाली बसों का परमिट तुरंत रद्द किया जाए।
कानूनी कार्रवाई-
सिर्फ जुर्माना नहीं, बल्कि ऐसे वाहन चालकों और मालिकों (Owners) के खिलाफ विधि-सम्मत कानूनी कार्रवाई भी की जाए।
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गांधी मैदान और शहरी क्षेत्र पर विशेष फोकस
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आयुक्त ने कहा कि गांधी मैदान सहित पटना के सभी प्रमुख शहरी क्षेत्रों में जनहित के दृष्टिकोण से यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्धारित पड़ाव (Designated Stops) के अलावा कहीं भी कॉमर्शियल वाहन नहीं रुकने चाहिए। प्रशासन के इस फैसले से पटना के ऑटो और बस संचालकों में हड़कंप मच गया है।
रिपोर्ट - अनिल कुमार