NCRB report 2023: NCRB रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे! प्रेम-प्रसंग और जमीन विवाद में सबसे ज्यादा हत्याएं बिहार में, पुलिस पर हमलों में भी नंबर वन
NCRB report 2023: एनसीआरबी की 2023 रिपोर्ट के अनुसार, प्रेम-प्रसंग और जमीन विवाद में सबसे ज्यादा हत्याएं बिहार में हुई हैं। राज्य पुलिस पर हमलों और साइबर अपराधों में भी शीर्ष पर है, जबकि हत्या दर 2.2 दर्ज की गई।
NCRB report 2023: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताज़ा 2023 रिपोर्ट ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा किया है।रिपोर्ट के मुताबिक, देश में प्रेम-प्रसंग और जमीन विवाद से जुड़ी सबसे अधिक हत्याएं बिहार में हुईं, जो इस श्रेणी में देश में नंबर वन पर है।रिपोर्ट यह भी बताती है कि बिहार में पुलिस और सरकारी अधिकारियों पर हमले, साइबर अपराध, और हत्या दर जैसे मामलों में राज्य लगातार शीर्ष पर बना हुआ है। हालांकि कुल हत्याओं की संख्या में 2022 के मुकाबले हल्की गिरावट जरूर दर्ज की गई है, लेकिन कई श्रेणियों में आंकड़े पहले से ज्यादा चिंताजनक हैं।
प्रेम-प्रसंग और जमीन विवाद बने हत्या के बड़े कारण
एनसीआरबी के अनुसार, वर्ष 2023 में पूरे देश में 1,409 हत्याएं प्रेम-प्रसंग से जुड़ी थीं, जिनमें सबसे अधिक 259 मामले बिहार के थे।यह आंकड़ा बिहार को इस श्रेणी में देश में पहले स्थान पर रखता है।वहीं, उत्तर प्रदेश (227 मामले) और गुजरात (144 मामले) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।इसी तरह जमीन विवाद में 1,878 हत्याएं देशभर में हुईं, जिनमें बिहार में 500 मामले दर्ज हुए — यानी हर चौथी जमीन विवाद हत्या बिहार में हुई। उत्तर प्रदेश (172) और महाराष्ट्र (145) इसके बाद रहे।इन दोनों कारणों से जुड़ी हत्याओं ने साफ कर दिया है कि बिहार में पारिवारिक और सामाजिक झगड़े लगातार हिंसक रूप ले रहे हैं।
पारिवारिक विवाद और निजी दुश्मनी ने भी ली सैकड़ों जानें
बिहार में 345 हत्याएं पारिवारिक विवादों से जुड़ी थीं, जबकि 703 हत्याएं आपसी विवाद या निजी दुश्मनी के कारण हुईं।इसके अलावा 91 हत्याएं दहेज विवाद, 76 अवैध संबंध, और 238 निजी लाभ से संबंधित रहीं।कुल मिलाकर राज्य में 2023 में 2,862 हत्याएं दर्ज की गईं, जो 2022 (2,930) की तुलना में थोड़ी कम हैं।इसके बावजूद बिहार देश में हत्या के मामलों में दूसरे स्थान पर है, जबकि पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश (3,307 हत्याएं) है।राज्य की हत्या दर 2.2 रही, जो कई राज्यों — जैसे तेलंगाना, झारखंड, मणिपुर और ओडिशा — से कम जरूर है, पर संख्या के लिहाज से स्थिति अब भी गंभीर है।
पुलिस और सरकारी अधिकारियों पर सबसे ज्यादा हमले
एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार पुलिस और सरकारी कर्मियों पर हमलों में पूरे देश में पहले स्थान पर है।साल 2023 में 449 ऐसे मामले दर्ज किए गए यानी औसतन हर दिन एक से ज़्यादा अधिकारी पर हमला हुआ।इसके मुकाबले मध्य प्रदेश में 32 और महाराष्ट्र में सिर्फ 23 मामले सामने आए।यह अंतर बताता है कि बिहार में कानून व्यवस्था लागू करने वाले कर्मियों को किस स्तर की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
साइबर अपराध में ढाई गुना उछाल
2023 में बिहार में साइबर अपराध के मामलों में विस्फोटक बढ़ोतरी हुई है।एनसीआरबी के अनुसार 2021 में 1,413 मामले,2022 में 1,621 मामले और 2023 में बढ़कर 4,450 मामले दर्ज किए गए।यानी सिर्फ एक साल में मामलों की संख्या ढाई गुना से ज्यादा बढ़ गई।राज्य की साइबर क्राइम दर 3.5 रही, जबकि चार्जशीट रेट 82.7% दर्ज हुआ, जो मिजोरम, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद चौथे स्थान पर है।बिहार एटीएम फ्रॉड में भी देश में शीर्ष पर है — 895 मामले, जबकि तेलंगाना (580) दूसरे स्थान पर रहा।
पटना की स्थिति:अपराध दर में पांचवां स्थान
एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, देश के 19 मेट्रो शहरों में पटना अपराध दर के मामले में पांचवें स्थान पर है।यहां 2023 में 14,317 आपराधिक घटनाएं दर्ज की गईं, और अपराध दर (Crime Rate) 699.4 रही।दिल्ली, कोच्चि, जयपुर और इंदौर में पटना से अधिक अपराध दर दर्ज की गई है, लेकिन हत्या दर में पटना देश में सबसे आगे (4.4) है।
2023 में पटना में कुल 91 हत्याएं रिकॉर्ड की गईं।
आंकड़ों में देखें बिहार में हत्याओं के कारण (2023)
कारण हत्या के मामले
आपसी विवाद या दुश्मनी 703
जमीन विवाद 500
पारिवारिक विवाद 345
कारण स्पष्ट नहीं 322
प्रेम-प्रसंग 259
निजी लाभ 238
दहेज विवाद 91
अवैध संबंध 76