Bihar News: बिहार में अब NH की तर्ज पर SH पर भी देगा होगा टोल टैक्स, पथ निर्माण विभाग ने पूरी की तैयारी
Bihar News: निर्माण एजेंसी जो राशि लगाती है, वह टोल टैक्स के माध्यम से ही वसूलती है। ऐसे में यह तय है कि अगर सरकार ने एसएच का निर्माण एचएएम से कराया तो लोगों को सफर के दौरान टोल टैक्स देना होगा।

Bihar News: आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) की तर्ज पर राज्य उच्च पथ (SH) पर सफर करने पर भी टोल टैक्स देना होगा। पथ निर्माण विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। खासकर वैसी सड़कें जो हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत बनाई जाएगी, उन सड़कों पर सफर के दौरान प्रदेशवासियों को टोल टैक्स देना होगा। टैक्स कितना और कितने वर्षों तक देना होगा। यह सड़क निर्माण में खर्च होने वाली राशि के आधार पर तय होगा।
SH पर देना होगा टोल टैक्स
विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पथ निर्माण विभाग अभी पांच घंटे में पटना पहुंचने की योजना पर काम कर रहा है। आगामी तीन-चार महीने में यह योजना पूरी हो जाएगी। राज्य सरकार ने 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से चार घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य तय किया है, जबकि वर्ष 2047 के विकसित भारत के लक्ष्यों को भी निर्धारित कर लिया गया है। इसके तहत वर्ष 2035 तक राज्य के किसी भी कोने से तीन घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है।
सीएम पथ विस्तारीकरण योजना के तहत होगा विस्तार
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। खासकर एक लेन वाली सड़कों को मुख्यमंत्री पथ विस्तारीकरण योजना के तहत दो लेन या उससे अधिक चौड़ा करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। निर्मित व प्रस्तावित चार/छह लेन राष्ट्रीय उच्च पथों का सभी स्थानों से परस्पर सुगम सम्पर्कता हो, इसके लिए सड़कों का अध्ययन शुरू कर दिया गया है।
कुछ साल पहले भी विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया था
निर्माण एजेंसी जो राशि लगाती है, वह टोल टैक्स के माध्यम से ही वसूलती है। ऐसे में यह तय है कि अगर सरकार ने एसएच का निर्माण एचएएम से कराया तो लोगों को सफर के दौरान टोल टैक्स देना होगा। हालांकि, कुछ साल पहले भी विभाग ने इस तरह का प्रस्ताव तैयार किया था लेकिन सरकार के शीर्ष स्तर पर समीक्षा के बाद इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था।
तर्क निर्माण पर खर्च होते हैं हजारों करोड़ रुपये
अधिकारियों का तर्क है कि बिहार के लोग कम समय में अपना सफर तय कर सकें, इसके लिए सरकार को हजारों करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। इतनी बड़ी राशि केवल सरकार के स्तर पर ही खर्च नहीं की जा सकती है। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने विभाग का बजट पेश करते हुए विधानसभा में इस नीति से सड़क बनाने की घोषणा भी की है। अब तक इस नीति से केवल एनएच का ही निर्माण होता रहा है। इस प्रणाली में निर्माण एजेंसी को 60 फीसदी राशि खर्च करनी पड़ती है। बाकी राशि राज्य सरकार और वित्तीय संस्थानों (बैंक से कर्ज लेकर) की मदद से सड़कों का निर्माण होता है।