संभल कर रहें! बिहार में बादल गरजेंगे भी, बरसेंगे भी , 12 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट, पटनावासियों के गर्मी से निकलेंगे पसीना
Bihar Weather:बिहार में अगले 48 घंटों के दौरान कई क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।...
Bihar Weather:बिहार की धरती एक बार पुनः प्रकृति के कोप का साक्षी बनने जा रही है। भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार, आगामी 48 घंटों में राज्य के कई जिले भारी से बहुत भारी वर्षा की चपेट में आ सकते हैं। यह वर्षा केवल मेघों की रिमझिम नहीं, बल्कि वज्रपात की गरजती चेतावनी भी लेकर आएगी।
बिहार के कई अंचलों में मानसून की बूँदें बरस रही हैं, प्रकृति ने अपनी जटाएँ खोल दी हैं। यह वर्षा ऋतु नदियों को नवजीवन दे रही है, पर साथ ही उनकी प्रचंड धाराएँ भी उफान पर हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानो नदियाँ धरती की प्यास बुझाने को आतुर हों, पर कहीं-कहीं उनकी यह आतुरता प्रलयंकारी रूप भी धारण कर रही है।
आज मंगलवार को भी बिहार में गरज-तड़क के साथ वर्षा की संभावना है। किशनगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, मधुबनी में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जो इन क्षेत्रों में प्रकृति के रौद्र रूप का संकेत है। वहीं, दक्षिण बिहार और उत्तर-पूर्वी भाग के जिलों में ठनका और बिजली गिरने के साथ-साथ तेज हवाओं की चेतावनी भी दी गई है, जो जनजीवन को प्रभावित कर सकती है।
राजधानी पटना में भी बादलों का डेरा रहेगा और हल्की फुल्की बारिश की उम्मीद है। उमस के कारण गर्मीभी पटनावासियों को झेलनी पड़ सकती है। यह मानसून एक ओर धरती को नवजीवन दे रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके प्रचंड रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है।
विशेष रूप से किशनगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर तथा गोपालगंज जैसे जिलों में भारी बारिश हो सकती है।यहां मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। आने वाले 24 घंटों में इन क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका अत्यंत प्रबल है, जिससे जन-धन की क्षति और बाढ़ जैसी विषम स्थितियों के उत्पन्न होने की पूर्ण संभावना है। पूर्वी बिहार के जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।
बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जनमानस से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। लोगों से आग्रह किया गया है कि अनावश्यक यात्रा से बचें, वृद्धों और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें तथा घर में ही सुरक्षित रहें।
किसानों को फसलों की रक्षा हेतु तात्कालिक उपाय करने का परामर्श दिया गया है, जिससे खेतों में बहते जीवन का श्रृंगार नष्ट न हो। यह समय सजगता, सतर्कता और संयम का है प्रकृति की अनुग्रह के बीच विवेक की दीवार बनाना ही श्रेयस्कर होगा।