Gopal Khemka Murder: गोपाल खेमका हत्याकांड का आज क्राइम सीन रिक्रिएट करेगी पुलिस, पूरे घटना की होगी वीडियोग्राफी, बांकीपुर क्लब को भेजा गया नोटिस

Gopal Khemka Murder: गोपाल खेमका मर्डर केस में आज पुलिस अहम कदम उठाने जा रही है। पुलिस आज क्राइन सीन का रिक्रिएट करेगी। साथ ही दोनों आरोपियों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ करेगी।

क्राइम सीन होगा रिक्रिएट - फोटो : social media

Gopal Khemka Murder: बिहार की राजधानी पटना में चर्चित कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस अब नए कदम उठा रही है। पुलिस घटना स्थल पर पूरे मर्डर सीन को दोबारा रिक्रिएट करेगी और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी ताकि अदालत में इसे मजबूत सबूत के तौर पर पेश किया जा सके। पुलिस की टीम ने इस काम के लिए अलग से टीम गठित की है। 

तीसरे दिन पूछताछ

वहीं इस केस में गिरफ्तार दो आरोपियों कारोबारी अशोक साव और शूटर उमेश यादव से तीसरे दिन भी पूछताछ जारी रही। शनिवार को गांधी मैदान थाने में दोनों को एक साथ और अलग-अलग बैठाकर लंबी पूछताछ की गई, लेकिन पुलिस को अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है।

क्या बोला शूटर उमेश?

पूछताछ के दौरान उमेश ने फिर वही बयान दोहराया जो उसने गिरफ्तारी के बाद दिया था। उमेश ने कहा कि मैं अकेला था। पैसे की जरूरत थी, इसलिए गोली मार दी। पिस्टल पटना सिटी से खरीदी थी। हालांकि पुलिस को उमेश की बातों पर यकीन नहीं हो रहा है। अधिकारियों को शक है कि उमेश अकेले इतनी बड़ी वारदात वीवीआईपी इलाके में अंजाम नहीं दे सकता। फिलहाल उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं मिला है। पटना, नालंदा और अन्य जिलों में उसके पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।

अशोक साव ने सुपारी देने से किया इनकार

दूसरी ओर, अशोक साव ने पूछताछ में सुपारी देने की बात पूरी तरह नकार दी। जब उससे पूछा गया कि किस जमीन के विवाद में उसने गोपाल खेमका की हत्या के लिए चार लाख की सुपारी दी तो वह चुप्पी साध गया। अशोक ने कहा कि उसका खेमका से कोई व्यावसायिक विवाद नहीं था। हालांकि शूटर उमेश ने पहले पूछताछ में अशोक का नाम लिया था। उसने बताया था कि सुपारी अशोक ने ही दी थी, और दोनों की मुलाकात नालंदा में एक शादी के दौरान हुई थी। पुलिस को अशोक के मोबाइल में जमीन विवाद से जुड़ी कई ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिली हैं। उसके घर से ढेरों जमीन के कागजात बरामद हुए हैं।

डेढ़ महीने पहले बनी थी हत्या की साजिश

पुलिस के मुताबिक, डेढ़ महीने पहले ही हत्या की प्लानिंग हो चुकी थी। सौदा चार लाख रुपये में तय हुआ था। जिसमें 50 हजार रुपये एडवांस दिए गए। इन्हीं पैसों से उमेश ने अपने बच्चों की फीस भरी थी। इधर, सिटी एसपी सेंट्रल दीक्षा ने बताया कि घटना स्थल के पास स्थित बांकीपुर क्लब को नोटिस भेजा गया है। उनसे सीसीटीवी फुटेज और पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है। अगर दो दिन में जवाब नहीं आया तो फिर से नोटिस भेजा जाएगा, और इसके बाद भी सहयोग न मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि घटना के बाद पुलिस जब क्लब पहुंची तो वहां कोई फुटेज का बैकअप नहीं मिला।

कैसे पकड़े गए आरोपी?

डीजीपी ने बताया कि घटना के बाद शहर भर के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। फुटेज में आरोपी के कपड़ों और बाइक को ट्रेस कर पुलिस उसके घर तक पहुंची। घर की तलाशी में वही कपड़े, जूते, घटना में इस्तेमाल हथियार और 59 राउंड गोलियां बरामद की गईं। इस केस में पुलिस ने विकास उर्फ राजा को भी हिरासत में लिया था। लेकिन अगले ही दिन उसका एनकाउंटर हो गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस केस की केस डायरी सीआईडी तैयार करेगी। समय पर चार्जशीट दाखिल कर ट्रायल शुरू कराने के लिए पुलिस कोर्ट से गुहार लगाएगी।