Bihar News: बिहार चुनाव से पहले पटना से सीमांचल तक सड़कों के चाल बिछने का रास्ता हुआ साफ, इन परियोजनाओं को मिली मंजूरी

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश को रेल और सड़कों की बड़ी सौगात मिल रही है। इसी कड़ी में पटना से सीमांचल तक सड़कों के चाल बिछाने का रास्ता एक बार फिर साफ हो गया है। मोदी सरकार ने इस परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

सड़क रेल परियोजना को मिली मंजूरी - फोटो : social media

Bihar News: बिहार चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज है। वहीं केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लगातार प्रदेश को सौगात दी जा रही है। सड़क से लेकर रेल परियोजनाओं तक को मंजूरी दी जा रही है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने बिहार में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में बख्तियारपुर–राजगीर–तिलैया रेल लाइन का डबलिंग और साहेबगंज–बेतिया राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-139W) का चार लेन विस्तार शामिल है।

साहेबगंज–बेतिया NH-139W चार लेन होगा

बिहार में साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड को चार लेन में विकसित करने की योजना बनाई गई है। यह परियोजना 78.942 किलोमीटर लंबी होगी और हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (HAM) के तहत बनाई जाएगी। इसके लिए अनुमानित लागत 3,822.31 करोड़ रुपये होगी। 

1 घंटे का रह जाएगा सफर 

नई सड़क की डिजाइन स्पीड 100 किमी/घंटा, औसत गति 80 किमी/घंटा होगी। साहेबगंज से बेतिया की यात्रा का समय घटकर 2.5 घंटे से 1 घंटा रह जाएगा। इस हाईवे परियोजना से 14.22 लाख मानव-दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 17.69 लाख मानव-दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे। 

इन जिलों से बेहतर कनेक्टिविटी 

यह सड़क वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और पूर्वी-पश्चिमी चंपारण जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और भारत-नेपाल सीमा तक पहुंच आसान बनाएगी। परियोजना के तहत सात पीएम गति शक्ति आर्थिक नोड्स, छह सोशल नोड्स, आठ लॉजिस्टिक नोड्स और नौ बड़े पर्यटन व धार्मिक स्थलों को जोड़ा जाएगा। इसमें केसरिया बुद्ध स्तूप, सोमेश्वरनाथ मंदिर, जैन मंदिर, विश्व शांति स्तूप और महावीर मंदिर शामिल हैं। इससे बौद्ध सर्किट और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।

बख्तियारपुर–राजगीर–तिलैया रेल लाइन डबलिंग

बिहार के 104 किलोमीटर लंबी बख्तियारपुर–राजगीर–तिलैया रेल लाइन को सिंगल से डबल लाइन में बदलने की मंजूरी दी गई है। इस परियोजना पर लगभग 2,192 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह परियोजना चार जिलों को कवर करेगी और राजगीर, नालंदा, पावापुरी जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। डबल लाइन बनने से करीब 1,434 गांव और 13.46 लाख आबादी को लाभ होगा। यह रेलखंड कोयला, सीमेंट, क्लिंकर और फ्लाई ऐश जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए अहम है। 

26 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई 

नई क्षमता से सालाना लगभग 26 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई संभव होगी। इससे रेलवे की आय बढ़ेगी, लॉजिस्टिक लागत कम होगी, पेट्रोलियम आयात में 5 करोड़ लीटर की बचत और 24 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी होगी, जो करीब 1 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये परियोजनाएं बिहार के आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी और पर्यटन को नए आयाम देंगी और आगामी चुनावों में इसे विकास के बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है।