PMCH Doctor Strike:पीएमसीएच में मौत के बाद हंगामा, डॉक्टर और परिजन में भिड़ंत, इमरजेंसी ठप होने से लौट रहे गंभीर मरीज

एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजन और डॉक्टरों के बीच तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुआ विवाद अचानक हंगामा, धक्का-मुक्की और फिर मारपीट में बदल गया।

पीएमसीएच में हंगामा के बाद इमरजेंसी ठप- फोटो : social Media

PMCH Doctor Strike: पीएमसीएच की गलियारों में  ऐसा बवाल मचा कि पूरा अस्पताल मानो किसी क्राइम सीन में बदल गया। एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजन और डॉक्टरों के बीच तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुआ विवाद अचानक हंगामा, धक्का-मुक्की और फिर  मारपीट में बदल गया। हालात इतने बेकाबू हुए कि जूनियर डॉक्टरों ने शाम होते-होते हड़ताल का ऐलान कर दिया, जिसके बाद इमरजेंसी सर्विस पूरी तरह ठप पड़ गई।

देर रात तक पीएमसीएच का माहौल किसी अराजक बाज़ार जैसा दिखा चीख-पुकार, अफरातफरी और इलाज की आस में भटकते मरीज। विभिन्न जिलों से आए 50 से ज्यादा गंभीर मरीज बिना ट्रीटमेंट वापस लौटने पर मजबूर हो गए। परिजनों की आँखों में बेबसी थी, तो डॉक्टरों के चेहरों पर गुस्सा और डर दोनों साफ झलक रहा था। अधीक्षक आईएस ठाकुर ने कहा कि हड़ताली डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की गई है और पूरा मामला सरकार को भेज दिया गया है।

हंगामा तब शुरू हुआ जब सुल्तानगंज-महेंद्रू निवासी बुजुर्ग सुरेश सिंह, जो ब्रेन हेमरेज से जूझ रहे थे, की मौत हो गई। डॉक्टरों ने इमरजेंसी में उन्हें मृत घोषित किया तो परिजनों ने दावा किया कि अब भी सांस चल रही है, इलाज करो। इसके बाद तनाव बढ़ा। मरीज के बेटे अमन सिंह का आरोप है कि उसकी बहन ने जब डॉक्टर से कहा कि “सिर-शरीर गर्म है,” तो डॉक्टर भड़क गए और मारपीट पर उतर आए।

डॉक्टरों की ओर से उलटा आरोप लगा कि परिजनों ने महिला डॉक्टर को गालियां दीं और बदसलूकी की। मौके पर मौजूद कुछ डॉक्टरों ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन तभी दोनों ओर से हाथापाई शुरू हो गई। हालात काबू से बाहर होते ही जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी छोड़कर मीटिंग बुलाई और तत्क्षण हड़ताल पर चले गए।

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि सुरक्षा के बिना वे काम पर नहीं लौटेंगे। उनकी तीन मांगें हैं—अस्पताल के हर विभाग में सुरक्षा, हर मारपीट पर तत्काल एफआईआर और परिसर में कानून तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई। साथ ही गुरुवार को ओपीडी बहिष्कार का एलान भी कर दिया गया है।

पीएमसीएच इन दिनों इलाज से ज्यादा बारूदी तनाव का गढ़ बन चुका है। कब हालात सामान्य होंगे यह सवाल अब भी हवा में तैर रहा है।