Bihar Vidhansabha Chunav 2025 : ‘कन्हैया’ के बिना बिहार के चुनावी ‘महाभारत’ में उतरेगी कांग्रेस, कहीं 'यदुवंशी' का डर तो नहीं...

Bihar Vidhansabha Chunav 2025 : महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा से कन्हैया दूर हैं. इसके पीछे क्या वजह है. जबकि कन्हैया बिहार के रहनेवाले हैं......पढ़िए आगे

बिहार से दूर कन्हैया - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : बिहार विधानसभा की रणभेरी अब कुछ दिन में ही बजनेवाली है। इसके मद्देनजर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल तैयारियों में जुट गए हैं। महागठबंधन की ओर से बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाला गया है। जिसके तहत कांग्रेस नेता राहुल गाँधी बिहार में 13 सौ किलोमीटर यात्रा करेंगे। उनके साथ इस यात्रा में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी शामिल होते हैं। यह यात्रा बिहार में 16 दिन तक चलनेवाली हैं। जिसमें प्रियंका गाँधी शामिल हो चुकी है, जबकि अखिलेश यादव शामिल होनेवाले हैं। 

हालाँकि सबसे बड़ा सवाल यह है की इस बड़े कार्यक्रम में कांग्रेस के मुखर नेता, जो बिहार के रहनेवाले हैं। जेएनयू में अपनी प्रतिभा का परचम दिखा चुके हैं। मतलब कन्हैया कुमार..वहीँ बेगूसराय वाले कुमार, जिनसे टीवी पर सत्ता पक्ष के बड़े बड़े डिबेट में हांफते नजर आते हैं। कन्हैया इस वोटर अधिकार से दूर हैं। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा की कांग्रेस राजद की पिछलग्गू पार्टी है। कांग्रेस देश की बड़ी पार्टी है। राहुल देश के बड़े नेता हैं। लेकिन कांग्रेस का बिहार में कुछ नहीं है। पीके ने कहा की सच्चाई यह है कि राजद मुख्य दल है और कांग्रेस उसके पीछे पीछे चलनेवाली पार्टी है। कांग्रेस को राजद का साथ ना मिले तो यात्रा तो छोड़िए उनके लिए 5 हज़ार आदमी जुटाना भी मुश्किल है। राहुल गांधी और कांग्रेस बिहार में वही करेंगे जो लालू यादव चाहते हैं। यदि लालू यादव और तेजस्वी चाहते हैं कि कन्हैया बिहार में नहीं आयेंगे तो कांग्रेस के बड़े नेता होने के बावजूद कन्हैया बिहार के होने के बावजूद भी बिहार में जाकर प्रचार नहीं कर सकते हैं। कन्हैया अच्छे व्यक्ति हैं और सुलझे हुए व्यक्ति हैं। 

पीके ने कहा की कन्हैया कांग्रेस के प्रभावी व्यक्तियों में जाना पहचाना चेहरा है। इसलिए सवाल है कि वह बिहार में क्यों नहीं आ रहे हैं। दरअसल राजद को लगता है कि कन्हैया आए तो कांग्रेस में कोई युवा नेता खड़ा हो जाएगा और कांग्रेस मजबूत हो जाएगा। इसके बाद वह राजद की पिछलग्गू पार्टी नहीं रह जाएगी। प्रशांत किशोर ने कहा की कांग्रेस अपने हितों का बलिदान करके राजद के पीछे चल रही है। इसलिए चल रही है की दिल्ली में कांग्रेस को राजद की मदद मिलती रहे। ऐसा ही भाजपा वाले कर रहे हैं। अपना नुकसान करके नीतीश को आगे बढ़ा रहे हैं। 

वहीँ जदयू के प्रदेश महासचिव अरविन्द कुमार सिंह उर्फ़ छोटू सिंह ने कहा की बिहार के लोगों में आज भी कांग्रेस के प्रति कोई विश्वास नहीं है। यहाँ की जनता को सिर्फ नीतीश कुमार के सुशासन पर भरोसा है। मजबूरी में कांग्रेस राजद के पीछे पीछे चलकर कुछ सीटें जितने में कामयाब हो जाती है। जहाँ तक बात कन्हैया की है तो लालू यादव कभी नहीं चाहते की महागठबंधन में कोई तेजस्वी के सामने कामयाब हो सके। उनके दवाब में ही कांग्रेस ने पप्पू यादव को पूर्णिया से लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था।