Bihar News:बिजली में "घोटाले की करंट", बिजली परियोजनाओं की जांच शुरू, उपकरण निकले घटिया
Bihar News:बिहार में 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली देने की महत्वाकांक्षी योजना पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना की ज़मीन पर करंट खा गई है। ...
Bihar News:बिहार में 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली देने की महत्वाकांक्षी योजना पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना की ज़मीन पर करंट खा गई है। मोतिहारी अंचल में इस योजना के तहत लगाए जा रहे ट्रांसफॉर्मर और एरियल बंच केबल जैसे उपकरणों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, अप्रैल 2025 में त्रिस्तरीय गुणवत्ता जांच कमेटी ने मोतिहारी अंचल का निरीक्षण किया था। 11 से 13 अप्रैल तक हुई इस जांच में उपकरणों की गुणवत्ता में भारी गड़बड़ी पाई गई। जांच रिपोर्ट के बाद नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के तत्कालीन एमडी निलेश रामचंद्र देवरे ने भोपाल स्थित सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट से ट्रांसफॉर्मर और केबल की जांच कराने का आदेश दिया।
इसके साथ ही सभी अंचलों को आरडीएसएस के तहत चल रहे कार्यों की गुणवत्ता की समीक्षा कराने का निर्देश दिया गया। इसके लिए अंचलवार सीलिंग कमेटी का गठन भी किया गया।
मोतिहारी की लापरवाही और तकनीकी घोटाले के सामने आने के बाद बिजली होल्डिंग कंपनी ने पूरे बिहार में केंद्रीय, राज्य और बाह्य संपोषित योजनाओं की गहन जांच का फ़ैसला लिया है। तत्कालीन सीएमडी पंकज कुमार पाल के निर्देश पर मुख्य अभियंता मुर्तजा हेलाल ने नॉर्थ और साउथ बिहार के एमडी को पत्र भेजा है जिसमें सभी पोल, मीटर, सर्किट ब्रेकर, ट्रांसफॉर्मर, इंसुलेटर और एबी केबल की गुणवत्ता की दोबारा जांच कराने को कहा गया है।
कंपनी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मानक से नीचे पाए गए किसी भी उपकरण को तुरंत हटाकर जांच कराई जाए। अगर उपकरण फेल होता है तो उसे नया और मानक के अनुसार उपकरण लगाना होगा। दोषी एजेंसियों को 5 वर्षों तक ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और उपकरण के लाने-ले जाने का खर्च भी उन्हीं से वसूला जाएगा।
बिजली की व्यवस्था सुधारने की बजाय कुछ अफसरों की मिलीभगत से आम जनता को झटका लग रहा है, जिसकी अब जांच से परतें खुलने की उम्मीद है।