Airport News: अगले 3 महीनों तक रोजाना रद्द रहेंगी 114 उड़ानें, 86 फ्लाइट का टाइम बदला, यात्रा करने से पहले जान लें पूरी खबर
Airport News: अगले 3 महीनों तक हर रोज 114 उड़ानें रद्द रहेंगी तो 86 फ्लाइट बदले हुए समय से उड़ान भरेंगे। ऐसा क्यों होगा आइए जानते हैं
Airport News: 15 जून से अगले तीन महीने के लिए रवने को बंद किया जा रहा है जिसके कारण 200 से अधिक उड़ानें प्रभावित रहेंगी। दरअसल, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर स्थित रनवे 10/28 को 15 जून से 15 सितंबर तक मरम्मत के लिए बंद किया जा रहा है। इस निर्णय का सीधा असर रोजाना करीब 200 उड़ानों पर पड़ेगा। इनमें से 114 उड़ानें पूरी तरह रद्द, जबकि 86 उड़ानों का समय बदला जाएगा। यह जानकारी एयरपोर्ट के संचालनकर्ता डायल (Delhi International Airport Limited) के सीईओ विदेह कुमार जयपुरिया ने दी।
क्यों बंद हो रहा है रनवे?
डायल के अनुसार, रनवे के आधुनिकीकरण और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) को CAT-III मानक के अनुरूप अपग्रेड किया जाएगा। इससे घने कोहरे के दौरान भी विमान सुरक्षित लैंड कर सकेंगे। रनवे की मरम्मत और ILS सिस्टम का उन्नयन कार्य 15 जून से शुरू होकर 15 सितंबर तक चलेगा। हालांकि, ILS का अंतिम अपग्रेडिंग कार्य 27 नवंबर तक पूरा किया जाएगा ताकि कोहरे के मौसम से पहले सभी तैयारियां पूरी की जा सकें।
पहले भी टला था कार्य
इस रनवे की मरम्मत अप्रैल 2025 में शुरू की गई थी, लेकिन उस दौरान पूर्वी हवा की दिशा और ट्रैफिक के दबाव के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था। इस बार एयरलाइनों से पूर्व में बातचीत कर उड़ानों के समय व रद्द करने की व्यवस्था पहले से ही की गई है। वहीं इससे उड़ानों पर असर पड़ेगा। रनवे के बंद होने से रोजाना 114 उड़ानें रद्द होंगी। तो वहीं 86 उड़ानों का समय बदला जाएगा, जिन्हें पीक समय से हटाकर नॉन-पीक टाइम स्लॉट में संचालित किया जाएगा।
जलवायु परिवर्तन से निपटने की योजना भी तैयार
डायल ने यह भी बताया कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों से हवाई उड़ानों पर पड़ने वाले असर को देखते हुए नई कार्य योजना पर काम शुरू किया गया है। इसके लिए एक अंतरराष्ट्रीय सलाहकार फर्म को नियुक्त किया गया है, जो वर्ष के अंत तक विस्तृत रणनीति तैयार करेगी। डायल के अधिकारियों का कहना है कि हाल के वर्षों में अत्यधिक वर्षा, तेज आंधी और हवाओं की आवृत्ति में वृद्धि हुई है, जिससे हवाई यातायात पर गंभीर असर पड़ता है। नई योजना इसी दिशा में तैयार की जा रही है ताकि भविष्य में मौसम से जुड़ी समस्याओं का कुशल समाधान निकाला जा सके।