Bihar Politics: अधिक मंत्री और विधायक के बाद भी नीतीश से फिर पिछड़ी भाजपा, इस मामले जदयू फिर साबित हुआ असली बड़ा भाई!

Bihar Politics:बिहार में नई सरकार की इमारत के साथ ही सियासी बिसात पर सबसे दिलचस्प चाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिखी। ...

जदयू फिर साबित हुआ असली बड़ा भाई!- फोटो : social Media

Bihar Politics:बिहार में नई सरकार की इमारत के साथ ही सियासी बिसात पर सबसे दिलचस्प चाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिखी। पहली बार उन्होंने गृह मंत्रालय अपने हाथों से छोड़कर बीजेपी के हिस्से कर दिया। ऊपर-ऊपर देखने में यह कदम यूँ लगता है कि बीजेपी अब जेडीयू पर हावी है, मगर हक़ीक़त इसकी उलट है। सत्ता की असली ताक़त जहाँ बजट में बसती है, वहाँ नीतीश कुमार ने अपने पत्ते ऐसे रखे हैं कि बड़े भाई की कुर्सी अब भी उन्हीं के पास महफ़ूज़ है।

मंत्रियों की संख्या में बीजेपी भले ही आगे दिखे कुल 14 मंत्री और दो डिप्टी सीएम लेकिन जेडीयू के हिस्से आए विभागों को देखिए तो पूरा खेल साफ़ नज़र आता है। शिक्षा, ऊर्जा, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, भवन निर्माण, समाज कल्याण, जल संसाधन, वित्त, वाणिज्य कर, परिवहन, सूचना एवं जनसंपर्क, अल्पसंख्यक कल्याण, साइंस-टेक्नोलॉजी… यानी वह सारे विभाग, जहाँ बजट बहता है और जहाँ से पॉलिटिकल नब्ज़ सबसे ज़्यादा मज़बूत होती है।

जेडीयू के केवल 18 प्रमुख विभागों का बजट ही 1.37 लाख करोड़ रुपये से ऊपर है। अकेले शिक्षा विभाग का बजट 60,954 करोड़, ग्रामीण विकास का 16,193 करोड़, ऊर्जा का 13,483 करोड़, ग्रामीण कार्य का 11,101 करोड़, समाज कल्याण का 8,774 करोड़, और जल संसाधन का 7,451 करोड़ है। यानी बीजेपी की तुलना में जेडीयू के हिस्से कुल 58,000 करोड़ रुपये ज़्यादा की ताक़त और यही असली सियासी वज़न है।

बीजेपी के पास गृह, स्वास्थ्य, उद्योग, नगर विकास, कृषि, पथ निर्माण, राजस्व, विभागों की लंबी सूची है, मगर उनमें बड़े बजट वाले विभाग कम हैं। सियासी कहावत है जिसके पास बजट, उसी की चलती है सरकार और इस क़ायदे से देखें तो बाज़ी अब भी जेडीयू के पास है।

नई सरकार में कुल 27 मंत्री हैं नीतीश कुमार समेत जेडीयू के 9, बीजेपी के 14, एलजेपी (रामविलास) के 2, और हम व आरएलएम से एक-एक मंत्री। 2025 के चुनाव में एनडीए को मिली 202 सीटों की प्रचंड जीत ने सरकार को मज़बूत जनादेश दिया है, लेकिन सत्ता की असली चाबी विभागों का बंटवारा नीतीश ने ऐसे बाँटा है कि दोनों डिप्टी सीएम साथ हों, पर असली सियासी धुरी वही बने रहें।

यक़ीनन, गृह विभाग बीजेपी के पास है, मगर हुक़ूमत की रगों में दौड़ने वाला बजट अब भी नीतीश कुमार और जेडीयू के क़ब्ज़े में है। सत्ता की इस बिसात पर नीतीश ने फिर साबित किया है राजनीति केवल मंत्रियों की गिनती का खेल नहीं, बल्कि संसाधनों पर क़ाबू की कला है।