उद्योग विभाग में भरा जाएगा रिक्त पद, मंत्री दिलीप जायसवाल ने  हस्तकरघा-रेशम उद्योग, खादी ग्रामोद्योग के विकास पर दिया बड़ा निर्देश

दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट निर्देश दिया कि विभाग में रिक्त पदों के विरुद्ध शीघ्र अधियाचना भेजने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए, ताकि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में आ रही प्रशासनिक बाधाओं को दूर किया जा सके।

Dilip Jaiswal - फोटो : news4nation

Bihar News :  उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने बुधवार को  हस्तकरघा एवं रेशम उद्योग, खादी ग्रामोद्योग तथा उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान से संबंधित प्रगति को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ एक व्यापक समीक्षा बैठक की। बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन, वित्तीय एवं भौतिक उपलब्धियों, मानव संसाधन की स्थिति तथा आगामी कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में विभाग के सचिव कुंदन कुमार, एम०एस०एम०ई० निदेशक अमन समीर, हस्तकरघा एवं रेशम निदेशक विद्या नन्द सिंह,  उद्योग निदेशक मुकुल कुमार गुप्ता सहित विभाग के अन्य अदिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे


समीक्षा के दौरान उन्होंने  स्पष्ट निर्देश दिया कि विभाग में रिक्त पदों के विरुद्ध शीघ्र अधियाचना भेजने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए, ताकि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में आ रही प्रशासनिक बाधाओं को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों को लक्ष्य-उन्मुख करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों में निर्माणाधीन खादी मॉल की प्रगति की भी समीक्षा की गई। मंत्री महोदय ने निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए, ताकि मॉल खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों के प्रचार-प्रसार का प्रभावी केंद्र बन सके। 


साथ ही, बिहार एम्पोरियम के आधुनिकीकरण एवं उसके स्वरूप में सुधार पर भी विशेष जोर दिया गया, ताकि राज्य के उत्पादों को बेहतर ब्रांडिंग और विपणन मंच उपलब्ध कराया जा सके। समीक्षा बैठक के दौरान उद्योग मंत्री मंत्री महोदय ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अन्य राज्यों में संचालित सफल हस्तकरघा, रेशम एवं हस्तशिल्प प्रशिक्षण केंद्रों का भ्रमण करें तथा वहाँ की बेहतर कार्यप्रणालियों, प्रशिक्षण मॉडल और नवाचारों से प्रेरणा लेकर उन्हें बिहार में लागू करने की दिशा में ठोस कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय अनुभव साझा करने से प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा और राज्य के बुनकरों व कारीगरों को आधुनिक तकनीक एवं बाजारोन्मुख कौशल से जोड़ा जा सकेगा।


उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प के प्रचार-प्रसार के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ संभावनाओं पर गंभीरता से कार्य किया जाए, जिससे राज्य के उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि हमारा स्पष्ट संकल्प है कि बिहार के पारंपरिक उद्योगों, हस्तशिल्प और सूक्ष्म-लघु-मध्यम उद्यमों (MSME) को आधुनिक तकनीक, बेहतर विपणन एवं सशक्त नीतिगत समर्थन के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  के दूरदर्शी नेतृत्व में बिहार को औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता की दिशा में निरंतर सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को जिलावार प्रगति की नियमित समीक्षा करने तथा लंबित कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

नरोत्तम की रिपोर्ट