नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज में डायग्नॉस्टिक्स के भविष्य पर चर्चा, समिट में डॉक्टर्स ने सीखीं जांच की अत्याधुनिक तकनीकें
बिहटा के NSMCH में बिहार मॉलेक्यूलर डायग्नॉस्टिक्स समिट 2025 के तहत वर्कशॉप का आयोजन हुआ। PMCH और AIIMS समेत कई संस्थानों के डॉक्टरों ने कैंसर जांच की नई तकनीकें सीखीं।
बिहार मॉलेक्यूलर डायग्नॉस्टिक्स एक्सीलेंस समिट 2025 के तहत बिहटा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NSMCH) में एक दिवसीय 'हैंड्स-ऑन वर्कशॉप' का भव्य आयोजन किया गया। इस उच्च स्तरीय शैक्षणिक कार्यक्रम में चिकित्सा जगत की कई नामचीन हस्तियों ने हिस्सा लिया। पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस, एम्स, ईएसआईसी, डीएमसीएच, आरजेडीएम, रुबन मेमोरियल और महावीर कैंसर सेंटर सहित राज्य के कई प्रतिष्ठित संस्थानों से आए पीजी विद्यार्थियों, विशेषज्ञ चिकित्सकों और फैकल्टी सदस्यों ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया।
अत्याधुनिक तकनीकों पर दो समानांतर कार्यशालाएं
कार्यक्रम के दौरान डायग्नॉस्टिक तकनीकों की बारीकियों को समझने के लिए दो समानांतर कार्यशालाएं आयोजित की गईं। पहला सत्र डिजिटल पीसीआर (Digital PCR) एवं एनआईपीटी (NIPT) पर केंद्रित था, जबकि दूसरा सत्र इम्यूनोहिस्टोकैमिस्ट्री एवं ब्रेस्ट कैंसर पर आधारित था। प्रतिभागियों ने पूरे दिन चले इस सत्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण, लाइव डेमो, केस-बेस्ड स्टडी और विशेषज्ञों के साथ सीधे संवाद में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। विशेष रूप से इम्यूनोहिस्टोकैमिस्ट्री सत्र में कैंसर के निदान में इस तकनीक की भूमिका, उपचार पर पड़ने वाले प्रभाव और सही दवाओं के चयन में इसकी उपयोगिता पर विस्तृत चर्चा की गई।
विशेषज्ञों ने बताया तकनीकी दक्षता का महत्व
इस मौके पर ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. स्वर्णिमा सिंह, डॉ. आर.पी. सिंह, डॉ. बिनय कुमार, डॉ. अरुण सिन्हा और डॉ. शैलेता प्रिसी सहित हैदराबाद से आए विख्यात शोध विशेषज्ञों ने अपनी तकनीकी जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की शैक्षणिक पहलों से राज्य के चिकित्सकों और विद्यार्थियों में डायग्नॉस्टिक जागरूकता बढ़ती है। साथ ही, तकनीकी दक्षता को मजबूती मिलती है, जिससे वे मॉलेक्यूलर मेडिसिन के क्षेत्र में हो रही नवीनतम प्रगतियों से निरंतर अपडेट रह सकते हैं।