Bihar News: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में फर्जीवाड़ा करने वाले डॉक्टर पर गिरी गाज, डॉ. कुमार सिद्धार्थ हुए बर्खास्त, जानिए पूरा मामला
Bihar News: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में बड़े फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था। वहीं अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। अस्पताल प्रशासन ने फर्जीवाड़े में शामिल डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है।
Bihar News: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल से बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। इस मामले में पटना एम्स प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में आरोपी डॉ. कुमार सिद्धार्थ को बर्खास्त कर दिया गया है। दरअसल, उन पर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने का आरोप था। जिसके बाद एम्स पटना प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। रेडियोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉ. कुमार सिद्धार्थ को सेवा से हटा दिया गया है। यह फैसला बुधवार को हुई एम्स की इंस्टीट्यूट बॉडी की बैठक में लिया गया।
डॉ.सिद्धार्थ बर्खास्त
सीबीआई ने डॉ. कुमार सिद्धार्थ और डॉ. कुमार हर्षित राज के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल के गंभीर आरोपों में आपराधिक मामला दर्ज किया था। इस मामले की जांच सीबीआई एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के डिप्टी एसपी सुरेंद्र देपावत को सौंपी गई है।
एम्स प्रशासन का बयान
सूत्रों के मुताबिक, इंस्टीट्यूट बॉडी की बैठक में एफआईआर का मुद्दा उठने के बाद डॉ. सिद्धार्थ को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया। एम्स पटना के निदेशक सौरव वार्ष्णेय ने कहा कि, जांच के बाद उन्हें सेवा से हटाया गया है। यह एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। डॉ. कुमार सिद्धार्थ एम्स पटना के रेडियोलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष और डीन डॉ. प्रेम कुमार के पुत्र हैं। इस वजह से मामला और भी चर्चाओं में है।
क्या है पूरा मामला
डॉ. कुमार सिद्धार्थ पर आरोप है कि उन्होंने एसडीओ पटना सदर से जारी फर्जी ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर फिजियोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर की नौकरी हासिल की। उनका चयन पहले एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए हुआ था। जिसे घटाकर असिस्टेंट प्रोफेसर कर दिया गया। आरोप है कि उस समय उनके पिता डॉ. प्रेम कुमार, एम्स पटना में रेडियोलॉजी विभाग के डीन और विभागाध्यक्ष थे।