मैट्रिक परीक्षा 2026 के लिए डमी एडमिट कार्ड जारी, इस तारीख तक सुधार का मौका

Patna - बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने वार्षिक माध्यमिक (मैट्रिक) परीक्षा 2026 में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के लिए डमी एडमिट कार्ड जारी कर दिया है। समिति ने सभी संबंधित विद्यालयों और विद्यार्थियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे 21 नवंबर से 27 नवंबर तक अपने एडमिट कार्ड में दर्ज सभी विवरणों की अनिवार्य रूप से जांच करें और यदि कोई त्रुटि हो, तो आवश्यक सुधार अवश्य करवा लें। यह डमी एडमिट कार्ड बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट https://exam.biharboardonline.org पर उपलब्ध कराया गया है।

जारी अधिसूचना के अनुसार, यह डमी एडमिट कार्ड विद्यार्थियों द्वारा पंजीकरण के समय भरी गई जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। यदि विद्यार्थियों या विद्यालयों की ओर से नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, फोटो, विषय आदि में कोई भी त्रुटि पाई जाती है, तो उसे निर्धारित अवधि के भीतर ऑनलाइन सुधार किया जा सकता है। त्रुटि सुधार के लिए, विद्यालय के प्रधान अपने लॉग-इन के माध्यम से आवश्यक बदलाव कर संशोधित जानकारी को समय पर सबमिट करेंगे।

विद्यार्थियों की सुविधा के लिए, परीक्षा समिति ने डमी एडमिट कार्ड को बीएसईबी इन्फॉर्मेशन ऐप पर भी उपलब्ध कराया है। छात्र-छात्राएं इस मोबाइल ऐप के माध्यम से भी अपना डमी एडमिट कार्ड आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके साथ ही, बोर्ड ने सभी विद्यालय प्रधानों को निर्देश दिया है कि वे अपने विद्यालय के विद्यार्थियों को डमी एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में सक्रिय रूप से सहयोग करेंगे और सभी विवरणों का ध्यानपूर्वक मिलान सुनिश्चित करवाएंगे।

परीक्षा समिति ने विद्यालय प्रधानों को विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जिन छात्रों के विषय चयन या नामांकन विवरण में त्रुटियां हैं, उन्हें अंतिम तिथि यानी 27 नवंबर से पहले सुधार लिया जाए। बिहार बोर्ड ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यह डमी एडमिट कार्ड केवल त्रुटि सुधार का अवसर देने के उद्देश्य से जारी किया गया है। निर्धारित समय सीमा के बाद किसी भी प्रकार के सुधार का कोई अवसर नहीं मिलेगा।

इसलिए, छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों से अनुरोध किया गया है कि वे डमी एडमिट कार्ड की जांच को गंभीरता से लें, ताकि मुख्य परीक्षा (मैट्रिक 2026) के समय किसी भी प्रकार की प्रशासनिक या तकनीकी समस्या से बचा जा सके। समय पर सुधार न होने पर, छात्र मुख्य परीक्षा में शामिल होने से वंचित भी हो सकते हैं।