बिहार बंद में 17 जगहों पर रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों ने बनाया निशाना, कई ट्रेनों का परिचालन हुआ बाधित

बिहार में प्रदर्शनकारियों ने रेल सेवा को निशाना बनाते हुए कई जगहों पर प्रदर्शन किया. इससे कुछ ट्रेनों के परिचालन पर आंशिक असर हुआ.

Protesters targeted railway service in Bihar- फोटो : news4nation

Rail News: वोटर वेरिफिकेशन में मतदाताओं के खिलाफ षड्यंत्र रचने का कथित आरोप लगाकर महागठबंधन के घटक दलों द्वारा बुधवार को बिहार बंद बुलाया गया. राजद, कांग्रेस, वामदल आदि की ओर से पूरे राज्य में प्रदर्शन हुआ जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ.  वहीं प्रदर्शनकारियों के निशाने पर सार्वजनिक परिवहन के साधन और सड़क एवं रेल सेवाएं भी रही. पूर्व मध्य रेलवे के अनुसार बिहार बंद के दौरान जोन के अलग अलग रेल मंडलों में कुल 17 जगहों पर रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया. 


समस्तीपुर मंडल के  नरपतगंज, दरभंगा, दौरम मधेपुरा, मधुबनी, थेरेबिटिया, दरभंगा गेट संख्या 26, परसा बरियारी और जयनगर में रेल सेवाएं बिहार बंद में निशाने पर आई. वहीं दानापुर रेल मंडल के बिहियां, दानापुर,आरा, सचिवालय और झाझा में रेल सेवाओं को बाधित करने की कोशिश हुई या रेल रोको प्रदर्शन हुआ. डीडीयू के गया और रफीगंज तथा सोनपुर के खगड़िया में प्रदर्शनकारियों के निशाने पर रेल सेवाएं आई. 

सचिवालय स्टेशन पर प्रदर्शन

पटना में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव की मौजूदगी में कांग्रेस सहित विपक्ष के कार्यकर्ताओं ने सचिवालय रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया. पप्पू यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि करोड़ों मतदाताओं के खिलाफ साजिश की गई है. वोटर वेरिफिकेशन के नाम पर वोटरों का नाम मतदाता सूची से निकालने की साजिश की गई है. इस दौरान ट्रेन रोककर किये गए प्रदर्शन के कारण ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई. 

राहुल का गंभीर आरोप

बिहार बंद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पटना में प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के साथ मिलकर भाजपा ने बिहार में बड़ी साजिश रची है. इससे बिहार के करोड़ों मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से काटने की तैयारी है. 

वोटरों का नाम कटने का खतरा

गठबंधन का तर्क है कि जिन 11 दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वे आम गरीब नागरिकों के पास नहीं हैं। इससे करोड़ों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटने का खतरा है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा हनन है।