Election Commission News: चुनाव आयोग ने 474 राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन किया रद्द, 359 दल रडार पर, सियासी गलियारों में हड़कंप

Election Commission News: चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 474 राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। आयोग ने यह कार्रवाई सभी पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों पर की है। ये सभी दल 6 सालों तक किसी चुनाव में शामिल नहीं हुए हैं। आयोग की मानें

474 राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द- फोटो : social media

Election Commission News: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। चुनाव आयोग ने 474 राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। जिनमें बिहार के 15 राजनीतिक दल शामिल हैं। कुल मिलकर अब तक चुनाव आयोग ने 808 पार्टियों की मान्यता रद्द की है। दरअसल, यह कार्रवाई गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों पर की गई है। 

474 राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द 

दरअसल, आयोग ने शुक्रवार को 474 राजनीतिक पार्टियों का पंजीकरण रद्द कर दिया। इससे पहले अगस्त महीने में 334 दलों का रजिस्ट्रेशन समाप्त किया गया था। इस तरह दो महीनों के भीतर कुल 808 पार्टियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। वहीं चुनाव आयोग की मानें तो फिलहाल 359 दल रडार पर हैं जिनपर कार्रवाई की तलवार लटकी है। 

इस कराण हुई कार्रवाई

बता दें कि, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी पंजीकृत दल को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेना आवश्यक है। यदि कोई दल लगातार 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ता है तो उसका पंजीकरण स्वतः समाप्त हो सकता है। आयोग की ताजा कार्रवाई भी इसी नियम के तहत की गई है।

बिना चुनाव लड़े सुविधाओं का उठा रहे थे लाभ 

किसी भी पंजीकृत दल को टैक्स छूट समेत कई रियायतें मिलती हैं। लेकिन कई दल बीते 6 वर्षों से चुनाव मैदान से दूर रहते हुए भी इन सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे। अब ऐसे दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है।

इन राज्यों में हुई बड़ी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 121 दलों का पंजीकरण रद्द किया गया है। महाराष्ट्र के 44, मध्य प्रदेश के 23 और हरियाणा के 17 दलों को बाहर कर दिया गया है। बिहार के 15 और पंजाब के 21 दल भी इस कार्रवाई की जद में आए हैं। कुल मिलाकर 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पार्टियां इस कार्रवाई से प्रभावित हुई हैं।

359 दल और राडार पर

चुनाव आयोग के अनुसार, 359 राजनीतिक दल ऐसे भी हैं जिन्होंने बीते 6 सालों में चुनाव तो लड़ा है लेकिन पिछले 3 वर्षों से अपनी वित्तीय ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं की है। इन पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग 2019 से ही निष्क्रिय और गैर-गंभीर राजनीतिक दलों पर शिकंजा कस रहा है। 9 अगस्त को पहले चरण में कार्रवाई हुई थी 18 सितंबर को दूसरा चरण चला और अब तक 808 पार्टियों का पंजीकरण खत्म हो चुका है।