Bihar Education news - बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक में छात्र सिखेंगे यह दो विदेशी भाषाएं, नौकरी मिलने में होगी आसानी, इतने कॉलेजों में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट

Bihar Education news - बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में छात्रों के कोर्स में विदेशी भाषाओं को भी शामिल किया गया है। इससे छात्रों को विदेशों में बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलेगी।

Patna - बिहार के सभी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों और पॉलीटेक्निक संस्थानों में छात्रों को विदेशी भाषा की भी पढ़ाई कराई जाएगी। इसके पीछे सरकार का मानना है कि इससे छात्रों को विदेशों में नौकरी हासिल करने में मदद मिलेगी। 

फिलहाल, इसकी शुरुआत पालयट प्रोजेक्ट के तहत 15 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए हो चुकी है। जहां छात्रों को जर्मन और फ्रेंच भाषा पढ़ाया और सिखाया जा रहा है। मंगलवार को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने अपने कार्यालय कक्ष में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित कॉलेजों में विदेशी भाषा की पढ़ाई की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि राज्य के अन्य सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों और पालिटेक्निक संस्थानों में भी विदेशी भाषा फ्रेंच व जर्मन की पढ़ाई की व्यवस्था होगी।

भविष्य में जापानी भाषा की भी होगी पढ़ाई

उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग छात्रों को विदेशी भाषाओं जैसे फ्रेंच, जर्मन और जापानी का ज्ञान मिलने से उनके लिए अंतरराष्ट्रीय अवसरों के दरवाजे खुलेंगे। साथ ही वैश्विक स्तर पर अवसरों का विस्तार होगा, अंतरराष्ट्रीय संवाद बढ़ेगा और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि वैश्विक बाजार की मांग को देखते हुए भविष्य में जापानी भाषा प्रशिक्षण भी शुरू किया जाना चाहिए।

सात निश्चय का हिस्सा

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय-एक के आर्थिक हल युवाओं के बल के तहत युवाओं को वैश्विक स्तर पर तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

अन्तरराष्ट्रीय विवि से करें साझेदारी

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी कर छात्र-छात्राओं के लिए स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम की शुरुआत जल्द से जल्द की जाए ताकि उन्हें वैश्विक अनुभव प्राप्त हो सके।

इस कार्यक्रम के दौरान विभागीय सचिव डॉ. प्रतिमा ने प्रजेंटेशन दिया, जिसमें विदेशी भाषा प्रोजेक्ट के उद्देश्य, क्रियान्वयन और भविष्य की योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। सचिव डॉ. प्रतिमा ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल कार्यान्वयन के बाद इसे जल्द ही बिहार के सभी 38 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में लागू किया जाएगा।

इस अवसर पर विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर सचिव व निदेशक अहमद महमूद समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे