Bodhgaya Mahabodhi temple: बोधगया महाबोधि मंदिर पर फिर बवाल! प्रबंधन अधिकार को लेकर प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन, पुलिस से झड़प

Bodhgaya Mahabodhi temple: बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में मंगलवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। बौद्ध समुदाय ने मंदिर का प्रबंधन उनके हाथ में सौंपने की मांग की। जानें पूरी घटना।

Bodhgaya Mahabodhi temple
Bodhgaya Mahabodhi temple- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bodhgaya Mahabodhi temple: बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर, जो बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है, एक बार फिर विवाद और प्रदर्शन का केंद्र बन गया। मंगलवार को महाबोधि मंदिर मुक्ति आंदोलन से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने मंदिर परिसर के बाहर जमकर हंगामा किया, जिससे स्थानीय लोगों में तनाव और नाराजगी फैल गई।

प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि मंदिर का प्रबंधन पूरी तरह से बौद्ध समुदाय के हाथ में सौंपा जाए। इस मुद्दे को लेकर वे पिछले कई महीनों से बीटी एक्ट 1949 को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इस अधिनियम के तहत मंदिर का प्रशासन बौद्ध और हिन्दू दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के हाथों में है, जो बौद्ध धर्मावलंबियों के एक वर्ग को अस्वीकार्य लगता है।

मंगलवार को जब आंदोलनकारी मंदिर परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें रोका। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, धक्कामुक्की, और कहासुनी हुई। स्थिति को बिगड़ते देख पुलिस ने तत्काल बल प्रयोग किए बिना स्थिति को नियंत्रित किया। हालांकि, मंदिर के बाहर प्रदर्शनकारियों द्वारा 'धर्म-विरोधी प्रबंधन हटाओ' जैसे नारों से स्थानीय लोगों में आक्रोश और संवेदनशीलता दोनों बढ़ती नजर आई।

Nsmch
NIHER

स्थानीय लोगों का कहना है कि महाबोधि मंदिर में इस प्रकार के आंदोलनों से पर्यटन, सुरक्षा और धार्मिक सौहार्द प्रभावित हो रहा है। वहीं, आंदोलनकारी संगठनों का दावा है कि उनका आंदोलन बुद्ध के सिद्धांतों के अनुसार अहिंसात्मक है और उनकी केवल यही मांग है कि बौद्ध धर्म के अनुयायियों को उनके पवित्र स्थल का पूर्ण अधिकार मिले।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि बीटी एक्ट 1949 एक पुराना और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के विरुद्ध कानून है, जिसके तहत बौद्धों को अपने ही पवित्र स्थल पर धार्मिक और प्रशासनिक निर्णय लेने की पूर्ण स्वतंत्रता नहीं मिलती।