Bihar: बिहार EOU की बड़ी कार्रवाई,175 परीक्षा माफियाओं का डोजियर तैयार, पेपर लीक के खिलाफ एक्शन में सरकार

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले 175 माफियाओं का डोजियर तैयार किया है. इसका मकसद इन अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ना और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकना है.

 Bihar EOU
Bihar EOU- फोटो : AI GENERATED

Bihar EOU: बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और सॉल्वर गैंग का जाल सालों से फैला हुआ है. युवाओं के सपनों से खिलवाड़ करने वाले ये माफिया न सिर्फ राज्य बल्कि अन्य राज्यों में भी अपनी पैठ बना चुके हैं. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में अब एक निर्णायक कदम उठाया है.EOU ने उन 175 अपराधियों का विस्तृत डोजियर तैयार किया है जो विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में धांधली, पेपर लीक, सॉल्विंग और फर्जीवाड़े में शामिल रहे हैं. यह डोजियर सिर्फ नामों की सूची नहीं है, बल्कि इसमें हर अपराधी की कार्यप्रणाली, नेटवर्क, लोकेशन, पूर्व रिकॉर्ड और संपर्क सूत्र की विस्तृत जानकारी दी गई है.

कैसे काम करेगा यह डोजियर?

EOU अधिकारियों के अनुसार, इस डोजियर के जरिए अब पेपर लीक की जड़ तक पहुंचना आसान होगा। नेटवर्क के सहयोगियों की पहचान कर उन्हें गिरफ़्तार किया जा सकेगा।अन्य राज्यों की पुलिस के साथ तालमेल कर बाहरी माफियाओं पर भी कार्रवाई हो सकेगी। जमानत पर बाहर अपराधियों की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सकेगी। डोजियर को एक इंटेलिजेंस टूल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा ताकि आने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सके.

हाल के वर्षों में सामने आए बड़े परीक्षा घोटाले

बिहार में हाल के वर्षों में कई हाई-प्रोफाइल पेपर लीक और सॉल्वर गैंग के मामले सामने आए हैं। इसमें सिपाही भर्ती परीक्षा – अभ्यर्थियों को सॉल्व पेपर से पास कराया गया।BPSC प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा – प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर लीक।शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (TRE) – रैकेट के माध्यम से अभ्यर्थियों को चयनित करवाना।NEET और CHO परीक्षाएं – बाहर से सॉल्वर मंगवाए गएइन मामलों की जांच कर रही EOU अब तक कई गिरफ्तारियां कर चुकी है, लेकिन नेटवर्क अभी भी सक्रिय है.

भविष्य के लिए तैयार की गई रणनीति

इस डोजियर की सबसे बड़ी उपयोगिता यह है कि यह भविष्य में संभावित पेपर लीक की रोकथाम के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा. यदि किसी नए मामले में संलिप्तता की आशंका होती है, तो डोजियर में मौजूद संदिग्धों को क्रॉस-चेक किया जाएगा. डोजियर के माध्यम से पूर्व अपराधियों की कॉल डिटेल्स, बैंक लेन-देन और सोशल नेटवर्किंग गतिविधियाँ मॉनिटर की जाएंगी।संभावित पेपर लीक के पहले ही सिग्नल पकड़ने में मदद मिलेगीजमानत पर छूटे अपराधियों पर रीयल-टाइम निगरानी रखी जाएगी

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