Bihar Politics : राजद से निष्कासित रितु जायसवाल ने नई पार्टी बनाने के दिए संकेत, महिलाओं को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व का किया वादा
PATNA : अगले कुछ महीनों में राजद की पूर्व नेत्री रितु जायसवाल प्रशांत किशोर के रास्ते पर चलनेवाली हैं। जिस तरह से प्रशांत किशोर ने पूरे बिहार में पदयात्रा की। इसके बाद जन सुराज पार्टी की स्थापना की। इसी तर्ज पर रितु जायसवाल भी अपनी नई पार्टी बनाएगी। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल X पर कहा की मैं बिहार के युवाओं से, खासकर महिलाओं से, संवाद करूँगी। इस संवाद के आधार पर मैं एक राजनीतिक पार्टी बनाने पर विचार करूंगी। एक ऐसी राजनीतिक पार्टी, जहां महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व मिले, जहां युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिले, जहां टिकटों की खरीद–फरोख्त न होती हो, और जहां परिवारवाद के लिए कोई जगह न हो। आपके सुझाव और आपकी आलोचना, दोनों का ही स्वागत रहेगा।
पार्टी की प्राथमिकताएं
इस तरह से जायसवाल ने अपनी संभावित पार्टी की प्राथमिकताएं भी स्पष्ट कर दी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा, युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, टिकटों की खरीद–फरोख्त नहीं होगी, और परिवारवाद के लिए कोई जगह नहीं होगी। उनका यह सीधा संदेश उन स्थापित राजनीतिक दलों को चुनौती देता है, जिन पर ये आरोप अक्सर लगते रहे हैं। उनका फोकस समाज के उन वर्गों को नेतृत्व देना है, जिन्हें अक्सर मुख्यधारा की राजनीति में दरकिनार कर दिया जाता है।
हालिया चुनाव और निष्कासन: परिहार सीट से निर्दलीय लड़ी थीं
रितु जायसवाल का यह संकेत उस घटनाक्रम के बाद आया है जब हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में परिहार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरने के कारण RJD ने उन्हें पाँच वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया था। यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि जायसवाल राजद की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी थीं और पार्टी संगठन में उनका अच्छा खासा प्रभाव माना जाता था। वह 2020 के विधानसभा चुनाव में परिहार सीट से राजद की प्रत्याशी थीं, जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने शिवहर सीट से राजद के टिकट पर मुकाबला किया था।
बिहार की राजनीति में नए विकल्प की संभावना
रितु जायसवाल का यह कदम बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में एक नए विकल्प की संभावना पैदा करता है। खासकर, एक ऐसी पार्टी जो खुले तौर पर महिला सशक्तीकरण और पारिवारिक राजनीति से दूरी जैसे मुद्दों को केंद्रीय विषय बना रही हो। उनके इस ऐलान ने उन युवाओं और महिलाओं को आकर्षित करने की क्षमता रखी है जो वर्तमान राजनीतिक ढाँचे से असंतुष्ट हैं। अब देखना यह है कि संवाद के बाद वह कब और किस स्वरूप में अपनी नई राजनीतिक पार्टी का गठन करती हैं।