Corruption on Target of Vigilance: नए साल में विजिलेंस के निशाने पर आए 5 भ्रष्टाचारी,36 दिनों में हुई कार्रवाई से मचा हड़कंप...

भ्रष्टाचारियों के खिलाफ विजिलेंस ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के महज 36 दिनों में 5 बड़ी कार्रवाई से घूसखोर अफसरों की नींद हराम हो गई है। पढ़िए आगे...

Corruption on target of vigilance
विजिलेंस के निशाने पर भ्रष्टाचारी- फोटो : social Media

Corruption on Target of Vigilance: नए साल में भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध निगरानी अन्वेषण ब्यूरो  ने कमर कस ली है।जनवरी से लेकर 7 फरवरी तक, यानी 36 दिनों के भीतर, विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ पांच महत्वपूर्ण कार्रवाई की हैं। इन कार्रवाइयों में कुल पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से दो मामले आय से अधिक संपत्ति से संबंधित हैं, जबकि तीन मामलों में आरोपियों को घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। तीसरी कार्रवाई गुरुवार की रात को हुई, जिसमें विजिलेंस के डीएसपी अरुणोदय पांडेय के नेतृत्व में एक टीम ने एलएनजेपी हॉस्पिटल के मुख्य द्वार के पास मुसहरी टोला से रूपसपुर थाना के दो सब-इंस्पेक्टर, रंजीत कुमार और फिरदौस आलम, को 50 हजार रुपये की घूस लेते हुए गिरफ्तार किया।

7 जनवरी को स्टोर एंड परवेज पटना के कंट्रोलर ऑफ स्टोर अखिलेश कुमार को 70000 रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।

8 जनवरी को सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज औरंगाबाद के लिपिक मनोज कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में रेड हुई। छापेमारी में अवैध तरीके से अर्जित 749862098 रुपए का पता चला।

16 जनवरी को आय से अधिक संपत्ति मामले में राज्य पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर जंग बहादुर सिंह के तीन ठिकानों पर छापेमारी हुई। इसमें 8906822 रुपए की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ।

24 जनवरी को सीतामढ़ी के पुपरी अंचल के राजस्व कर्मचारी भोगेंद्र इरा को 51000 रुपए घूस लेते हुए ट्रैप किया गया।

6 फरवरी को पटना के एलएनजेपी हॉस्पीटल के मेन गेट से आगे मुसहरी टोला के पास रात के अंधेरे में 50 हजार घूस ले रहे रूपसपुर के दो एसआई रंजीत कुमार और फिरदौस आलम को विजिलेंस की टीम ने धर दबोचा।

बहरहाल साल 2025 में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो  की गतिविधि तेज होने  से भष्ट अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। 

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