Bihar Vidhansabha Chunav : बिहार में निर्दलीय उम्मीदवार ने दी सिटिंग सीएम को शिकस्त, खुद बन गया राज्य का मुख्यमंत्री, जानिए ‘सत्ता के महासंग्राम’ की इनसाइड स्टोरी

Bihar Vidhansabha Chunav : बिहार में एक निर्दलीय उम्मीदवार ने सिटिंग सीएम को चुनाव में शिकस्त दे दिया. इसके बाद वह खुद बिहार के सीएम बन गए.......पढ़िए आगे

निर्दलीय ने दी सीएम को शिकस्त - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही शेष बचे हैं। इसके पहले बिहार के लोगों ने चुनावों को लंबा दौर देखा है। बिहार की राजनीति में 1967 का विधानसभा चुनाव इतिहास का अहम मोड़ साबित हुआ। पहली बार राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बनी और आज़ादी के बाद लगातार सत्ता में रहने वाली कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ा।

तत्कालीन मुख्यमंत्री कृष्ण बल्लभ सहाय पटना पश्चिम (वर्तमान बांकीपुर) सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे। लेकिन उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार महामाया प्रसाद सिन्हा ने भारी मतों से हराकर सनसनी फैला दी। इसके बाद महामाया बाबू को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई और वे बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने।

गठबंधन की राजनीति के तहत संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनसंघ, सीपीआई, जन क्रांति दल और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने मिलकर सरकार बनाने का फैसला लिया। उस समय कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे, मगर राजनीतिक समीकरणों के चलते महामाया प्रसाद सिन्हा का नाम सामने आया और सर्वसम्मति से उन्हें नेतृत्व सौंपा गया।

सीवान के कायस्थ परिवार में जन्मे महामाया प्रसाद सिन्हा ने 5 मार्च 1967 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, गठबंधन में शामिल विभिन्न विचारधाराओं के दलों के बीच खींचतान और अस्थिरता के कारण उनकी सरकार टिक नहीं सकी। उन्होंने 26 जनवरी 1968 को इस्तीफ़ा दे दिया। महज 329 दिनों के कार्यकाल के बाद बिहार में फिर से राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो गया और डेढ़ साल के भीतर चार मुख्यमंत्री बदलने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा।