Robot in indian army - पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे भारतीय सेना के रोबोट, युद्ध के हालात से निपटने के लिए किया जा रहा तैयार
Patna - पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना में रोबोट भी शामिल होंगे। इसके लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। आनेवाले दो तीन सालों में यह रोबोट कठिन सैन्य अभियानों का हिस्सा होंगे। फिलहाल, इस प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने के लिए काम किया जा रहा है।
डीआरडीओ के तहत एक प्रमुख प्रयोगशाला, रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (इंजीनियर्स), इस मशीन को विकसित कर रही है। प्रत्यक्ष मानव निर्देशों के तहत जटिल कार्यों को करने में सक्षम होगी। इस रोबोट को विशेष रूप से ऐसे वातावरण में सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है, जहां जोखिम अधिक है। यह ह्यूमनॉइड रोबोट जंगल जैसे कठिन इलाकों में भी काम कर सकेगा
चार साल से प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
डीआरडीओ द्वारा पिछले चार साल से इस परियोजना पर काम कर रही है। प्रोजेक्ट पर काम कर रही पुणे की सेंटर फॉर सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज फॉर एडवांस्ड रोबोटिक्स के समूह निदेशक एस.ई. तलोले ने बताया कि हमने ऊपरी और निचले शरीर के लिए अलग-अलग प्रोटोटाइप विकसित किए हैं। आंतरिक परीक्षणों के दौरान कुछ कार्यों को सफलतापूर्वक हासिल किया है।
उन्होंने कहा कि रोबोट वांछित कार्यों को सुचारू रूप से कर सके, इसके लिए संतुलन, तीव्र डेटा प्रोसेसिंग और जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन में महारत हासिल करना आवश्यक है। 2027 तक इस परियोजना को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। डीआरडीओ के इस ह्यूमनॉइड रोबोट प्रोजेक्ट से न केवल रक्षा क्षेत्र में क्रांति आएगी, बल्कि यह अन्य क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य सेवा, अंतरिक्ष अन्वेषण और औद्योगिक अनुप्रयोगों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह की उन्नत तकनीक सैनिकों की सुरक्षा को बढ़ाने के साथ-साथ मानव जीवन को और सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने में मदद करेगी।
उन्नत तकनीकी विशेषताएं
यह रोबोट दिन हो या रात, घर के अंदर हो या बाहर, निर्बाध रूप से काम करेगा. इसमें निम्नलिखित तकनीकी विशेषताएं शामिल होंगी...
प्रोप्रियोसेप्टिव और एक्सटेरोसेप्टिव सेंसर: ये रोबोट को अपने शरीर और आसपास के वातावरण के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
- डेटा फ्यूजन क्षमता: विभिन्न स्रोतों से डेटा को एकीकृत करने की क्षमता.
- सामरिक संवेदन: यह रोबोट को जटिल परिस्थितियों में निर्णय लेने में मदद करेगा.
- ऑडियो-विजुअल धारणा: यह रोबोट को देखने और सुनने की क्षमता प्रदान करेगा.
इसके अलावा रोबोट में होगी यह इंतजाम
- फॉल और पुश रिकवरी: गिरने या धक्का दिए जाने पर स्वयं को संभालने की क्षमता.
- वास्तविक समय में मैप जनरेशन: आसपास के क्षेत्र का नक्शा बनाने की क्षमता.
- स्वायत्त नेविगेशन और पथ नियोजन: सिमुल्टेनियस लोकलाइजेशन एंड मैपिंग (एसएलएएम) के माध्यम से यह रोबोट जटिल और उच्च जोखिम वाले वातावरण में स्वायत्त रूप से संचालित हो सकेगा.