Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में दिखा बिहार के लाल का दमखम! पूर्णिया के अवधेश कुमार भारती ने देशभक्ति की रच दी मिसाल
Operation Sindoor: भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ऑपरेशन सिंदूर में नेतृत्व कर देश के प्रति अपना सर्वोच्च समर्पण दिखाया।

Operation Sindoor: पूर्णिया, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज के भारत-पाक तनाव तक, राष्ट्रभक्ति और वीरता का प्रतीक रहा है। इस मिट्टी में पैदा हुए अनेक सपूतों ने देश की रक्षा में अपने प्राण तक अर्पित कर दिए हैं। भारत-चीन युद्ध हो या कारगिल युद्ध, पूर्णिया ने हमेशा अपने शेर दिल बेटों को देश के लिए समर्पित किया है।
इसी कड़ी में हाल ही में लॉन्च किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पूर्णिया के एक और बेटे ने इतिहास रच दिया है — एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती। वे इस ऑपरेशन में डीजीएओ (Director General Air Operations) की भूमिका में हैं और उनके नेतृत्व में भारत ने आतंक के खिलाफ एक सशक्त संदेश दिया है।
ऑपरेशन सिंदूर में भूमिक
‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक स्ट्रैटेजिक एयर मिशन है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की सरजमीं पर छिपे आतंक के नेटवर्क को ध्वस्त करना था। इस ऑपरेशन को गुप्त रखा गया था, और इसमें शामिल सभी अफसरों की भूमिका अत्यंत संवेदनशील थी।
अवधेश कुमार भारती, जो पूर्णिया के श्रीनगर प्रखंड के झुन्नी कला गांव के मूल निवासी हैं, ने इस ऑपरेशन की रणनीतिक योजना और क्रियान्वयन में नेतृत्व किया। आश्चर्य की बात यह है कि उनके स्वजन तक इस मिशन से अनजान थे। यहां तक कि अब जब वे कुछ शब्दों में फोन पर बात करते हैं, तो भी कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं करते। यह एक सच्चे सैनिक का प्रमाण है।
अवधेश कुमार भारती: साधारण गांव से एयर मार्शल बनने तक का सफर
जन्म: झुन्नी कला गांव, श्रीनगर प्रखंड, पूर्णिया
पिता: जीवछ लाल यादव, सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी
शिक्षा: 1987 में NDA परीक्षा पास, वायु सेना में चयन
वर्तमान पद: एयर मार्शल, वायु सेना
पत्नी: संगीता भारती, पूर्व विंग कमांडर, वायु सेना
भाई: डॉ. राजेश भारती (चिकित्सक), मिथिलेश कुमार भारती (फार्मा कंपनी में कार्यरत)
उनका जीवन एक प्रेरणा है कि गांव से निकलकर भी देश की सर्वोच्च सेवा में पहुंचा जा सकता है, यदि समर्पण, अनुशासन और देशभक्ति हो।
गांव-घर से लेकर देशभर में गर्व की लहर
जब लोगों को पता चला कि उनके गांव का बेटा देश की हवाई कार्रवाई में मुख्य भूमिका निभा रहा है, तो हर चेहरा गर्व और सम्मान से चमक उठा। गांव में चूल्हे कुछ देर के लिए ठंडे हो गए, लेकिन चर्चा सिर्फ एक ही नाम की रही — "अवधेश कुमार भारती"बचपन के दोस्त, स्कूल के शिक्षक, पड़ोसी — सभी कहते हैं कि अवधेश शुरू से ही अनुशासित और प्रेरणास्पद था। उसकी यह उड़ान उसकी मेहनत और देशभक्ति की पहचान है।