Bihar Politics: दशहरा के बाद एक्शन में आएंगे सीएम नीतीश, चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों से बंद कमरे में करेंगे मुलाकात

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही समय बचा है। नवरात्रि के बाद चुनाव की तैयारी अंतिम चरण में होगी। ऐसे में सीएम नीतीश भी एक्शन मोड में आ गए हैं। सीएम नीतीश दशहरा के बाद संभावित प्रत्याशियों से मुलाकात करेंगे।

सीएम नीतीश संभावित उम्मीदवारों से करेंगे मुलाकात - फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही जदयू ने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को नया रूप देने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बार पार्टी ने उम्मीदवार तय करने का जिम्मा सिर्फ संगठन या कोर कमेटी पर नहीं छोड़ा है, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मैदान में उतरकर वन-टू-वन मुलाकात के जरिए प्रत्याशियों को परखेंगे। यह कवायद दशहरा के बाद जदयू प्रदेश कार्यालय से शुरू होगी।

सीएम नीतीश जदयू उम्मीदवारों से करेंगे मुलाकात 

जदयू सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री टिकट चाहने वाले संभावित उम्मीदवारों और वर्तमान विधायकों से सीधे बातचीत करेंगे। यह मुलाकातें न केवल उनकी राजनीतिक पकड़ को जांचने का मौका देंगी बल्कि यह भी तय करेंगी कि उन्होंने सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में कितनी भूमिका निभाई है। इस बार सरकार के महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार योजनाओं पर भी उम्मीदवारों का मूल्यांकन होगा।

सीएम नीतीश खुद संभालेंगे कमान 

नीतीश कुमार की इस पहल को पार्टी के अंदर बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। अब तक उम्मीदवारों का चयन मुख्य रूप से संगठन और स्थानीय समीकरणों के आधार पर होता था, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री की सीधी छानबीन से यह स्पष्ट है कि जदयू केवल जीतने वाले चेहरों पर दांव लगाना चाहता है।

विपक्ष को देंगे कड़ी चुनौती 

जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार की यह रणनीति विपक्ष को चुनौती देने के लिए भी है। राजद और भाजपा जहां पहले से ही अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं जदयू व्यक्तिगत स्तर पर उम्मीदवारों को कसौटी पर कसकर टिकट बांटने की तैयारी कर रहा है।

दो से तीन दिनों तक चलेगा मुलाकातों का दौर 

सूत्रों का यह भी मानना है कि यह प्रक्रिया दो से तीन दिनों तक चलेगी और रोजाना सुबह से देर शाम तक मुलाकातें होंगी। पार्टी दफ्तर से जिन उम्मीदवारों को बुलाया जाएगा, उन्हें पहले से सूचना दे दी जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह रणनीति जदयू के लिए दोहरा फायदा ला सकती है एक ओर पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा क्योंकि खुद मुख्यमंत्री उनकी राय और कामकाज को महत्व दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जनता के बीच यह संदेश जाएगा कि पार्टी टिकट बांटने में पारदर्शिता अपना रही है।