पुलिस के होश उड़ा देने वाला जुगाड़! डीजल टैंकर चेक कराया, अंदर मिली 30 लाख की विदेशी शराब, बेचकर खरीदी थी लग्जरी कार, कई जमीनें
पुलिस ने एक ऐसे डीजल टैंकर को पकड़ा है, जिसके ऊपरी हिस्से में जांच के लिए डीजल रखा जाता था, लेकिन मुख्य टैंक में 30 लाख रुपये की विदेशी शराब भरी थी।
Patnacity - पटना पुलिस को शराब तस्करों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। फतुहा पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए नरमा गाँव के एक खेत में खड़े मिनी डीजल टैंकर से भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद की है। जब्त शराब की कीमत करीब ₹30 लाख आंकी गई है। पुलिस ने मौके से तीन अंतरराज्यीय शराब धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है और टैंकर सहित एक कार, दो बाइक तथा दो फ़ास्ट टैग जब्त किए हैं।
डीएसपी-1 अवधेश कुमार ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गश्ती दल में तैनात एसआई केतु कुमार को नरमा गांव में शराब तस्करी की सूचना मिली थी। तत्काल छापेमारी की गई और मिनी डीजल टैंकर से 230 कार्टन यानी कुल 1,987 लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। बरामद शराब में मुख्य रूप से 8 पीएम और ऑफिसर्स चॉइस ब्रांड शामिल हैं।
गिरफ्तार धंधेबाजों ने पुलिस को चकमा देने के लिए एक शातिराना षड्यंत्र रचा था। डीएसपी ने खुलासा किया कि तस्कर पुलिस की आँखों में धूल झोंकने के लिए टैंकर के ढक्कन के पास एक पाइप के सहारे डीजल/मोबिल रखते थे। जब कोई जाँच अधिकारी टैंकलोरी के ढक्कन को खोलकर लोहे की छड़ डालकर जांच करता, तो छड़ मोबिल/डीजल को छूकर बाहर निकलती, जिससे यह भ्रम होता कि टैंकर में डीजल/मोबिल ही है। जबकि पूरा मुख्य टैंक विदेशी शराब से भरा हुआ था। पुलिस ने जब टैंकर को पूरी तरह खोला, तो उनके भी होश उड़ गए।
अंतरराज्यीय तस्करों की पहचान
पुलिस को देखते ही भागने का प्रयास कर रहे तीनों तस्करों को पुलिस बल ने खदेड़कर पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बक्सर निवासी उमाशंकर पांडेय, विकास पांडेय और रंजीत पांडेय के रूप में हुई है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी शराब तस्करी के लिए विशेष रूप से डीजल टैंकर का इस्तेमाल करते थे और इसी अवैध धंधे से इन्होंने काफी संपत्ति अर्जित की है। मुख्य आरोपी उमाशंकर पांडेय का आपराधिक इतिहास रहा है और वह पूर्व में भी बक्सर में जेल जा चुका है।
एसडीपीओ ने बताया कि आरोपियों ने शराब का कारोबार करने के लिए पटना के मालसलामी और फतुहा के नरमा गाँव में कई जमीनें खरीद रखी थीं, जिनका इस्तेमाल इस काले धंधे के लिए किया जाता था।
पुलिस के अनुसार, ये तस्कर एक बार में टैंकलोरी से माल बेचकर लगभग 3 से 4 लाख रुपये तक की बचत करते थे। अब पुलिस ने इन सभी की संपत्ति की जांच कराने की बात कही है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
Report - Rajnish yadav