Bihar Politics: विधानसभा सत्र के दौरान महागठबंधन में होगी बड़ी टूट! कई विधायकों के NDA से संपर्क में होने का दावा, बिहार की सियासत में नया संग्राम, कांग्रेस ने दिया करार जवाब

बिहार की राजनीति में तूफ़ान के संकेत मिलने लगे हैं, जो आने वाले दिनों में सियासी समीकरणों, गठबंधनों और भविष्य की चालों को और दिलचस्प बना देगा।....

विधानसभा सत्र के दौरान महागठबंधन में होगी बड़ी टूट! - फोटो : social Media

Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक बार फिर हलचल और सरगर्मी के दौर से गुजर रही है। सत्ता और विपक्ष के बीच सियासी तीरंदाज़ी अपने चरम पर है। इसी माहौल में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान ने ऐसा बयान दे दिया है जिसने पूरे पटना के राजनीतिक गलियारों में नई खलबली पैदा कर दी है। चिराग का दावा है कि महागठबंधन के कई विधायक NDA के संपर्क में हैं, और समय आने पर यह राजनीतिक समीकरण किसी भी पल करवट ले सकता है।

पत्रकारों के सवाल पर चिराग ने बिना किसी दल का नाम लिए कहा कि विपक्षी खेमे के कई विधायकों को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वे ज्यादा प्रभावी रूप से जनता की सेवा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष में बैठकर सिर्फ हंगामा और नकारात्मक राजनीति देखने को मिलती है, जिससे जनता का भरोसा लगातार टूट रहा है। चिराग का आरोप था कि संसद से लेकर विधानसभा तकहर मंच पर विपक्ष केवल अवरोध पैदा करता है, जबकि जनता हित की कोई ठोस पहल नहीं करता।

चिराग पासवान ने अपने तीखे लहजे में कहा कि जैसे संसद का हर सत्र विपक्ष के शोरगुल का मंच बन जाता है, वैसे ही राज्य विधानसभा का आगामी सत्र भी होने वाला है। उनके अनुसार, महागठबंधन के पास न तो रणनीति है और न ही जनहित का एजेंडा, इसलिए आंतरिक असंतोष बढ़ रहा है और कुछ विधायक “नये सियासी ठिकाने” की तलाश में हैं।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने चिराग के दावे को “मनगढ़ंत, अफ़वाह और सियासी शरारत” करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव के बाद ऐसी बातों का बाजार गरम करना कुछ लोगों की पुरानी आदत है। उन्होंने याद दिलाया कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद भी ऐसी ही अटकलें उड़ाई गई थीं, लेकिन कांग्रेस के सभी 19 विधायक मजबूती के साथ पार्टी के साथ खड़े रहे थे। उनका कहना है कि इस बार भी “कांग्रेस के खेमे में न तो टूट की कोई संभावना है और न ही कोई बेचैनी।”

हालिया विधानसभा चुनाव में NDA ने 243 में से 202 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता बरकरार रखी, जबकि महागठबंधन को करारी शिकस्त मिली। ऐसे में चिराग के बयान को राजनीतिक विश्लेषक NDA की सियासी बढ़त का मनोवैज्ञानिक दबाव भी मान रहे हैं।

कुल मिलाकर, बिहार की राजनीति में यह नया बयानबाज़ी का तूफ़ान आने वाले दिनों में सियासी समीकरणों, गठबंधनों और भविष्य की चालों को और दिलचस्प बना देगा।