बिहार को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा ! मोकामा-मुंगेर हाई-स्पीड कॉरिडोर और भागलपुर से रेल लाइन दोहरीकरण को मिली कैबिनेट मंजूरी
मोकामा से मुंगेर के बीच 82.4 किलोमीटर के हाई-स्पीड कॉरिडोर और भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट सिंगल रेलवे लाइन सेक्शन (177 किलोमीटर) के दोहरीकरण को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की है.
Bihar News : केंद्र सरकार ने बुधवार को बिहार के कई अहम परियोजनओं को स्वीकृति प्रदान की. इसमें मोकामा-मुंगेर हाई-स्पीड कॉरिडोर और भागलपुर से रेल लाइन दोहरीकरण की परियोजना शामिल है. इन परियोजनाओं पर करीब 7500 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च होगा. वहीं बक्सर से भागलपुर के बीच हाई-स्पीड कॉरिडोर का सपना साकार हो जाएगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद इसकी घोषणा की.
मोकामा-मुंगेर खंड हाइब्रिड एन्युइटी मोड
उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने बिहार में बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के मोकामा-मुंगेर खंड के निर्माण को हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) पर मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की कुल लंबाई 82.4 किलोमीटर होगी और इसका परिव्यय 4,447.38 करोड़ रुपये होगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "यह बक्सर से भागलपुर तक कॉरिडोर का एक खंड है। इस पर 4,447 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह दक्षिणी बिहार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है।
उन्होंने कहा कि इसमें, अगर हम बक्सर से पटना जाएँ, तो पहले से ही अच्छा नेटवर्क है और पटना से आगे फतुहा और फतुहा से आगे बेगूसराय तक, यह परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है, जिसमें कुछ छह लेन और कुछ चार लेन की हैं। आज जिस खंड को मंजूरी दी गई है, वह मोकामा से मुंगेर और आगे मुंगेर से भागलपुर तक 82 किलोमीटर लंबा है. इस परियोजना के कारण कुल मिलाकर लगभग 1 घंटे का यात्रा समय बचेगा."
भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट दोहरीकरण
कैबिनेट ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट सिंगल रेलवे लाइन सेक्शन (177 किलोमीटर) के दोहरीकरण को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 3,169 करोड़ रुपये है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "इसमें 3,169 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली एक बेहद महत्वपूर्ण परियोजना भी है। अगर हम इस परियोजना को मानचित्र पर देखें, तो यह बिहार से शुरू होकर रामपुरहाट में झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ती है।
अभी चलने वाली ज़्यादातर ट्रेनें भागलपुर से मालदा टाउन और रामपुरहाट होते हुए हावड़ा जाती हैं। इस दोहरीकरण के बाद, कई ट्रेनें भागलपुर से दुमका और वहाँ से सीधे रामपुरहाट जा सकेंगी। कई पैसेंजर ट्रेनें, मेल एक्सप्रेस ट्रेनें इससे होकर गुज़र सकेंगी और यह देवघर तीर्थस्थल को भी जोड़ती है। एक तरह से, दक्षिण बिहार को कोलकाता से जिस कनेक्टिविटी की ज़रूरत है, वह इस परियोजना से पूरी हो जाती है।"