National Herald Case: पटना में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन, ईडी कार्यालय के गेट पर पोता कालिख, भारी बवाल
National Herald Case: बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को पटना में प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ में चार्जसीट दायर होने के विरोध में कांग्रेस ने केंद्र प

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ में चार्जसीट दर्ज होने के खिलाफ बुधवार को देश भर में कांग्रेस का प्रदर्शन हो रहा है. पटना में भी इसके विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किये. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और प्रभारी कृष्ण अलाबारू सहित कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पटना के इनकम टैक्स गोलंबर पर प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस दौरान जमकर बवाल काटा.
कांग्रेसियों ने ईडी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. हंगामा प्रदर्शन करतेकांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के मुख्य द्वार पर लिखे गए बोर्ड पर काला रंग से पूरे बोर्ड पर स्प्रे कर दिया. उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी राजनीति से प्रेरित होकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया. इस दौरान काफी देर तक कांग्रेस के लोगों ने सडक पर हंगामा किया. पूरे प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी मौजूद रहे.
क्या है नेशनल हेराल्ड केस
नेशनल हेराल्ड आजादी से पुराना अखबार है, लेकिन नेशनल हेराल्ड पर भ्रष्टाचार के आरोप साल 2012 में लगे थे. इसके खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराया. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में कहा था कि 'यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड' ने सिर्फ 50 लाख रुपयों में 90 करोड़ रुपये वसूलने का उपाय निकाला जो 'नियमों के खिलाफ' है. जिस नेशनल हेराल्ड केस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी आज कटघरे में हैं, उसकी स्थापना पंडिज जवाहर लाल नेहरू और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने मिलकर 1938 में की थी. इसके लिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी (AJL) बनाई गई थी. ये कंपनी नेशनल हेराल्ड के अलावा हिंदी में नवजीवन, उर्दू में कौमी आवाज अखबार निकालती थी.
अब क्या होगा?
ईडी ने इस मामले अब कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी है. ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेगा. जिससे सोनिया गांधी और राहुल गांधी औपचारिक रूप से आरोपी घोषित हो जाएंगे. साथ ही इस मामले का ट्रायल शुरू हो जाएगा. ट्रायल में दोनों पक्ष अपना-अपने साक्ष्य रखेंगे. चूंकि इस मामले में सोनिया व राहुल गांधी 2015 से नियमित जमानत पर है, इसलिए यदि नया वारंट नहीं जारी होता है तो दोनों नेताओं पर कोई संकट नहीं है.