Neet Paper Leak: संजीव मुखिया पेपर लीक कांड, देशव्यापी नेटवर्क से नीट, BPSC समेत कई परीक्षाएं लीक, 40 लाख में बिकते थे सवाल-जवाब

नीट 2024 पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का नेटवर्क देशभर में फैला है। उसके खिलाफ CBI, EOU और ED ने केस दर्ज किए हैं। वह पहले भी BPSC व अन्य पेपर लीक मामलों में संलिप्त रहा है।

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sanjeev mukhiya- फोटो : social media

Neet Paper Leak: पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए संजीव मुखिया का कनेक्शन केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक व्यवस्थित और संगठित पेपर माफिया गिरोह का हिस्सा था, जो बिहार से लेकर झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और राजस्थान तक फैला हुआ था। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और अन्य जांच एजेंसियों ने इस गिरोह के पैटर्न, नेटवर्किंग और तकनीकी साजिशों का खुलासा किया है।

कैसे होती थी पेपर लीक की साजिश?

संजीव मुखिया अपने परिजनों और करीब 30 सहयोगियों की मदद से पेपर लीक की जटिल साजिश को अंजाम देता था। 5 मई 2024 की सुबह, नीट परीक्षा से पहले, प्रश्नपत्र और उत्तरों की PDF फाइल चिंटू नामक रिश्तेदार के व्हाट्सएप पर भेजी गई। इसके बाद पटना के “लर्न एंड प्ले स्कूल” में वाईफाई प्रिंटर से पेपर का प्रिंट लिया गया और पैसे देकर छात्रों को रटाया गया।गिरोह व्हाट्सएप, ब्लूटूथ और पेन ड्राइव जैसे साधनों का तकनीकी रूप से इस्तेमाल करता था। परीक्षा केंद्रों तक प्रश्नपत्र पहुंचाने वाले गाड़ी चालकों और कर्मचारियों को भी झांसे में ले लिया जाता था।

नीट से पहले, BPSC और सिपाही भर्ती भी निशाने पर

2010: पहली बार संजीव मुखिया का नाम मेडिकल प्रवेश परीक्षा पेपर लीक मामले में सामने आया।

2016: सिपाही भर्ती परीक्षा लीक केस में गिरफ्तारी, लेकिन 2 माह में ज़मानत।

2020: BPSC शिक्षक भर्ती पेपर लीक, जिसमें बेटे डॉ. शिवकुमार का नाम भी सामने आया।

डॉ. शिवकुमार, PMCH से पढ़ा है, और इस मामले में जेल जा चुका है, अब ज़मानत पर बाहर है।

हर छात्र से वसूले गए 40 लाख तक 

EOU की रिपोर्ट के मुताबिक, नीट पेपर लीक मामले में हर छात्र से 40 लाख तक वसूले गए। इनमें 30-32 लाख सरगनाओं तक पहुंचते थे। 8-10 लाख बिचौलियों के बीच बांटे जाते थे। यह शिक्षा व्यवस्था में गहरी पैठ बनाए भ्रष्टाचार का खुला सबूत है। संजीव मुखिया के पास आय से 144% अधिक संपत्ति पाई गई है।1.75 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति। CBI और ED ने भी इस पर मामले दर्ज किए हैं। यह संपत्ति सिर्फ शिक्षा से जुड़े अपराधों से नहीं, बल्कि राजनीतिक और आर्थिक नेटवर्किंग से भी जोड़कर देखी जा रही है।

पत्नी चुनाव लड़ चुकी, दोबारा तैयारी में

संजीव मुखिया की पत्नी ममता कुमारी ने 2020 में हरनौत विधानसभा से लोजपा टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह अब 2025 चुनाव की तैयारी में है, और हरनौत व चंडी में कार्यकर्ता कार्यालय खोल चुकी हैं।पिता जनक देव प्रसाद अब भी नालंदा में खेती-किसानी करते हैं।


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