PMCH Controversy : पीएमसीएच में जूनियर को प्रिंसिपल नियुक्त करने का मामला, विरोध के बाद स्वास्थ्य विभाग ने साधी चुप्पी, प्राचार्य ने निकाला डॉ एनपी सिंह को विरमित करने का आदेश

PMCH Controversy : पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में प्रिंसिपल की नियुक्ति में वरीयता क्रम को दरकिनार करने से उपजे विवाद में अब एक ओर नया मोड आ गया है.

PMCH principal appointment controversy- फोटो : news4nation

PATNA : बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में प्राचार्य की नियुक्ति का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमाम विवादों के बीच पीएमसीएच के मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.नरेन्द्र प्रताप सिंह को विरमित कर दिया गया है। पीएमसीएच के प्राचार्य ने इसके लिए पत्र जारी कर दिया है। हालाँकि डॉ.नरेन्द्र प्रताप सिंह ने इसे अस्पताल प्रशासन की मनमानी बताया है। उन्होंने कहा की उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर निदेशक प्रमुख का पदभार ग्रहण करने में अपनी असमर्थता जताई है। जिसपर अभी तक विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। इस बीच प्राचार्य ने मनोरोग विभाग से विरमित कर दिया है, जो कहीं से उचित नहीं हैं।

वरीयता क्रम में जूनियर

दरअसल, 30 जून को जारी अधिसूचना में डॉ कौशल किशोर को अतिरिक्त प्रभार देते हुए पटना मेडिकल कॉलेज का प्राचार्य नियुक्त किया गया है. इतना ही नहीं उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज का वित्तीय प्रभार भी दिया गया है. हालांकि पीएमसीएच के प्राचार्य पद पर नियुक्त होने वाले डॉ कौशल किशोर वरीयता क्रम में जूनियर बताए जा रहे हैं. मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष और प्राध्यापक डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह वरीयता में शीर्ष पर थे. डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह की सेवानिवृत्ति भी 31 दिसम्बर 2026 है जबकि डॉ कौशल किशोर 31 जनवरी 2026 को सेवानिवृत्त होंगे. ऐसे में डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह पर डॉ कौशल किशोर को तरजीह देने से पीएमसीएच एक बार फिर विवादों में हैं. 

डॉ एनपी सिंह का ट्रांसफर

डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि नए प्राचार्य की नियुक्ति और उनके तबादला में स्पष्ट है कि वरीयता क्रम को दरकिनार किया गया है. प्रिंसिपल के रूप में नियुक्ति के क्रम में वही पदानुक्रम में शीर्ष पर थे. लेकिन उन्हें न केवल प्रिंसिपल के पद से दूर किया गया है बल्कि निदेशक प्रमुख बनाकर उन्हें पीएमसीएच से ही बाहर कर दिया गया है. 

पदभार ग्रहण करने में जताई असमर्थता 

प्रिंसिपल नियुक्ति में वरीयता क्रम को दरकिनार किये जाने के कारण प्रिंसिपल नहीं बन पाने वाले डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह ने नए पद पर योगदान देने से असमर्थता जताई है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी को लिखे पत्र में कहा है कि वे पीएमसीएच में मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं. 30 जून को उनका स्थानातरण स्वास्थ्य विभग के निदेशक प्रमुख (मानसिक रोग, आपदा प्रबंधन एवं खाद्य-औषधि नियंत्रण) के पद पर किया गया है. उन्होंने कहा कि वे इस पद पर योगदान देने में असमर्थ हैं. साथ ही स्थानांतरित किये जाने के पूर्व उनसे सहमति या परामर्श नहीं मांगी गई. डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वे मेडिकल एजुकेशन के साथ ही जुड़े रहना चाहेंगे. इन सबके बीच अब स्वास्थ्य विभाग की जगह पीएमसीएच के प्राचार्य द्वारा उन्हें विरमित करने के फैसले पर आपत्ति जताई है.