किस चीज को रोजगार मान रही सरकार? विधानसभा में विपक्ष ने आंकड़ों की पोल खोली, पूछा - 1.53 करोड़ महिलाओं को मिले 10 हजार, इसे रोजगार क्यों नहीं माना गया
Bihar Vidhan Sabha - सरकार ने दावा किया है कि उन्होंने 10 लाख नौकरियां और 40 लाख रोजगार दिए हैं। विधायक ने तंज कसते हुए पूछा, "आपने 40 लाख रोजगार किस तरीके से दिए हैं?
Patna - बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज विपक्ष ने रोजगार के आंकड़ों और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर नीतीश सरकार को जमकर घेरा। विपक्षी विधायक ने सरकार के '40 लाख रोजगार' के दावे पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर सरकार 40 लाख रोजगार का दावा कर रही है, तो चुनाव से पहले 1.53 करोड़ महिलाओं को बांटे गए 10-10 हजार रुपये को भी 'रोजगार' की श्रेणी में क्यों नहीं गिना जा रहा?
40 लाख रोजगार के दावे पर तीखे सवाल
सदन में विपक्षी विधायक संभवतः सौरभ कुमार ने सरकार के आंकड़ों पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण और मुख्यमंत्री के उत्तर में सरकार ने दावा किया है कि उन्होंने 10 लाख नौकरियां और 40 लाख रोजगार दिए हैं। विधायक ने तंज कसते हुए पूछा, "आपने 40 लाख रोजगार किस तरीके से दिए हैं? आप किस चीज को रोजगार मान रहे हैं?"।
10-10 हजार रुपये वाली योजना पर तंज
विधायक ने सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाओं पर सवाल उठाते हुए एक विवादास्पद तर्क दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में महिला रोजगार के नाम पर 21,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। चुनाव से पहले 1 करोड़ 53 लाख महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिए गए थे। उन्होंने तंजिया लहजे में पूछा, "क्या सरकार इस 10-10 हजार रुपये को भी रोजगार नहीं मान सकती? अगर मान ले, तो रोजगार का आंकड़ा 40 लाख से बढ़कर डेढ़ करोड़ के पार चला जाएगा"।
3. PMCH में महिला मरीज से छेड़खानी का मुद्दा
रोजगार के बाद विपक्ष ने महिला सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोली। विधायक ने एक अखबार की कटिंग लहराते हुए आरोप लगाया कि 15 दिन पहले पटना के PMCH (पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल) में ईसीजी कराने गई एक महिला मरीज के साथ डॉक्टर ने छेड़खानी की। उन्होंने कहा कि जिस सरकार का स्वास्थ्य बजट 40,000 करोड़ रुपये है, उसके सबसे बड़े अस्पताल में महिला मरीजों की सुरक्षा रामभरोसे है।
4. महिला डॉक्टरों की भारी कमी
विधायक ने सरकार के 'महिला सशक्तिकरण' के दावों को खोखला बताते हुए कहा कि अस्पतालों में महिला डॉक्टरों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि बिहार की 14 करोड़ आबादी के लिए सिर्फ 58,000 डॉक्टर उपलब्ध हैं, जबकि महाराष्ट्र जैसे राज्य में 13 करोड़ की आबादी पर 1.88 लाख डॉक्टर हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब महिला डॉक्टर ही नहीं होंगी, तो महिला मरीजों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?।
मंत्री का पलटवार: 'अति-उत्साह ठीक नहीं'
विपक्ष के इन तीखे हमलों का जवाब देने के लिए मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल खड़े हुए। उन्होंने विधायक को नसीहत देते हुए कहा कि वे "अति-उत्साहित" होकर अपनी बातें रख रहे हैं। मंत्री ने कहा कि राजनीति में एक ऐसे माहौल की जरूरत है जहां पक्ष और विपक्ष मिलकर बिहार को आगे बढ़ाएं, न कि सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में समय बर्बाद करें।