'नल-जल' में लापरवाही पर मंत्री का बड़ा एक्शन; 40 इंजीनियरों का वेतन रोका, ब्लैकलिस्ट होंगे ठेकेदार
Patna : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) के मंत्री संजय कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं की समीक्षा के दौरान कड़ा रुख अपनाया है। काम में लापरवाही और विभागीय रैंकिंग में फिसड्डी साबित होने वाले 40 अधिकारियों (अभियंताओं) का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। साथ ही, मंत्री ने चेतावनी दी है कि गड़बड़ी करने वाले ठेकेदारों को डिबार या ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
काम में कोताही पर नपे 40 अधिकारी, वेतन बंद
मंत्री संजय कुमार सिंह ने शुक्रवार को मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र के 54 अनुमंडलों की समीक्षा बैठक की। विभाग द्वारा अधिकारियों के काम के मूल्यांकन के लिए एक नई 'रैंकिंग प्रणाली' विकसित की गई है। इस रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर रहने वाले 40 अधिकारियों पर गाज गिरी है। मंत्री के निर्देश पर 'बॉटम-5' कार्यपालक अभियंताओं, 'बॉटम-10' सहायक अभियंताओं और 'बॉटम-25' कनीय अभियंताओं का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। साथ ही उनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया गया है।
संवेदकों को खुली चेतावनी: काम नहीं तो ब्लैकलिस्ट
समीक्षा बैठक में मंत्री ने अधिकारियों और संवेदकों (Contractors) को स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार का संकल्प है। अगर संवेदकों द्वारा जरा सी भी लापरवाही सामने आती है, तो उन पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाए। मंत्री ने निर्देश दिया कि ऐसे संवेदकों को तुरंत डिबार या ब्लैकलिस्ट किया जाए।
शिकायतों के निपटारे में देरी बर्दाश्त नहीं
बैठक में बताया गया कि मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र में केंद्रीय शिकायत निवारण कक्ष (CGRC पोर्टल) पर 20,451 शिकायतें मिली थीं, जिनमें से 19,278 का निपटारा कर दिया गया है। मंत्री ने बचे हुए मामलों और नई शिकायतों को लेकर सख्त निर्देश दिए कि किसी भी शिकायत को अनावश्यक लंबित न रखा जाए। लापरवाही को गंभीर कदाचार माना जाएगा।
छूटे हुए टोलों में जल्द पहुंचेगा पानी
विभागीय सचिव पंकज कुमार पाल ने जानकारी दी कि क्षेत्र में 51,699 जलापूर्ति योजनाएं चल रही हैं। मंत्री ने निर्देश दिया कि पंचायती राज विभाग से जो योजनाएं पीएचईडी को मिली हैं और जिन टोलों में अभी नल का जल नहीं पहुंचा है, वहां टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी कर "हर घर नल का जल" का 100% आच्छादन सुनिश्चित किया जाए।
तकनीकी सुधार और निगरानी पर जोर
बैठक में जलापूर्ति योजनाओं में IoT (Internet of Things) एकीकरण, ज़ीरो ऑफिस डे निरीक्षण और विद्युत भुगतान जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। विभाग ने यह भी साफ किया कि जहां कामचोर अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है (इससे पहले भी 10 अभियंताओं पर कार्रवाई हुई है), वहीं अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया जाएगा।